महुआ से बना दारू हानिकारक पर लड्डू पौष्टिक : सीमा

मसलिया : दुमका के मसलिया प्रखंड के रानीघाघर पंचायत के डोमकट्टा गांव में स्वयं सहायता समूह चाय-चंपा औ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Apr 2017 08:31 PM (IST) Updated:Fri, 28 Apr 2017 08:31 PM (IST)
महुआ से बना दारू हानिकारक पर लड्डू पौष्टिक : सीमा
महुआ से बना दारू हानिकारक पर लड्डू पौष्टिक : सीमा

मसलिया : दुमका के मसलिया प्रखंड के रानीघाघर पंचायत के डोमकट्टा गांव में स्वयं सहायता समूह चाय-चंपा और जियो झरना की तकरीबन तीन दर्जन महिलाओं के बीच कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से महुआ, मडुआ और कटहल के मूल्य संवर्धन एवं विपणन विषय पर शुक्रवार से आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में गृह वैज्ञानिक सीमा ¨सह ने कहा कि महुआ से बनने वाला दारू शरीर के लिए भले ही हानिकारक है लेकिन महुआ से तैयार लड्डू और अन्य खाद्य पदार्थ शरीर के लिए काफी पौष्टिक व लाभप्रद है।

सीमा ने कहा कि प्रति 100 ग्राम महुआ में 1.4 ग्राम प्रोटीन, 111 किलो कैलोरी ऊर्जा, 45 मिली ग्राम कैल्सियम, 0.23 मिली ग्राम आयरन, 22.7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 307 माइक्रो ग्राम विटामिन ए एवं 40 ग्राम विटामिन सी पाया जाता है। कहा कि महुआ कुपोषण एवं एनिमिया भगाने में काफी सहायक साबित हो सकता है बशर्ते इसका भोज्य पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल किया जाए।

कहा कि दुमका में महुआ बहुतायत में पाया जाता है। अगर ग्रामीण महिलाएं इससे पौष्टिक लड्डू और स्वादिष्ट चटपटा आचार तैयार करें तो न सिर्फ यह बेहतर खाद्य पदार्थ होगा बल्कि इससे आíथक आमदनी की मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने महिलाओं को महुआ से लड्डू और आचार बनाने की विधि की जानकारी दी। इसके लेब¨लग एवं पैके¨जग के बारे में भी बताया। सीमा ¨सह ने कहा कि महुआ को खाद्य के रूप में इस्तेमाल करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता और हिमोग्लोबिन के लेबल में सुधार किया जा सकता है। प्रशिक्षण के दूसरे दिन शनिवार को कटहल, मड़ुआ और महुआ के मूल्य संवर्धन एवं विपणन की जानकारी दी जाएगी। पहले दिन के प्रशिक्षण में सुनीता बेसरा, जोबा हांसदा, बलोती हांसदा, उíमला सोरेन, विमोली चौड़े, ललिता किस्कू शामिल थीं।

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