Bermo By-Election 2020: आदिवासी वोटरों को साधेंगे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मोदी सरकार के कार्यों से भी कराएंगे अवगत

बेरमो उपचुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित कराने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का तीन दिवसीय दौरा सोमवार को समाप्त होगा। वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Minister Arjun Munda) दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को बोकारो आ रहे हैं। यहां वे आदिवासी वोटरों को साधेंगे।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 18 Oct 2020 08:30 PM (IST)
Bermo By-Election 2020: आदिवासी वोटरों को साधेंगे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, मोदी सरकार के कार्यों से भी कराएंगे अवगत
आदिवासी वोटरों को साधेंगे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा। (फाइल)

बोकारो, जेएनएन। Bermo By-Election बेरमो उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Former CM Raghuvar Das) का तीन दिवसीय दौरा सोमवार को समाप्त हो जाएगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Minister Arjun Munda) दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को बोकारो आ रहे हैं। यहां वे आदिवासी वोटरों को साधेंगे। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए किए जा रहे कार्य से भी अवगत कराएंगे। केंद्रीय मंत्री दो दिनों में 20 स्थानों पर नुक्कड़ सभा करेंगे। इसके अलावा वे पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मिलेंगे।

जमेशदपुर से बोकारो आ रहे अर्जुन मुंडा बेरमो विधानसभा में टांड़बालीडीह, जैना बस्ती, बारा केंदुआ, भुलन खेतको, मायापुर, बड़कीटाड़, अंबाटोला, काशीडीह होते हुए वापस बोकारो आएंगे। दूसरे दिन 20 अक्टूबर को जरीडीह प्रखंड के सभी आदिवासी गांवों का भ्रमण करेंगे। यहां के बाद वे सीधे दुमका के लिए प्रस्थान करेंगे। दुमका में भी वो दो दिन रहेंगे। वहीं, रघुवर दास कल सोमवार को पेटरवार प्रखंड के कुछ गांवों का भ्रमण करते हुए वापस रांची लौट जाएंगे।

विदित हो कि आजसू व भाजपा ने चुनाव को लेकर मजबूत घेराबंदी की है। एक-एक प्रखंड की जवाबदेही तीन-तीन विधायक दो-दो सांसदों को सौंपी गई है। इसके तहत चंद्रपुरा में ढुलू महतो, इंद्रजीत महतो तथा राज सिन्हा। बेरमो में बिरंची नारायण, सीपी सिंह, मनीष जयसवाल, नवीन जायसवाल, जरीडीह में अमर कुमार बाउरी, भानु प्रताप शाही, डॉ. लंबोदर महतो को जवाबदेही दी गई है। वहीं सांसद पीएन सिंह, चंद्रप्रकाश चौधरी, जयंत सिन्हा को भी क्षेत्र में काम करना है। इसके अलावा प्रत्येक जाति-समुदाय के कदावर नेताओं को छोटे-छोटे समूह में उतरा गया है। जिले के नेताओं को एक-एक शक्ति केंद्र की जवाबदेही दी गई है।

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