अलकुसा डिपो में झंडोत्तोलन में हो सकता है टकराव
अलकुसा में आउटसोर्सिग के तहत चल रहे उत्खनन कार्य पर वर्चस्व स्थापित करने को लेकर भाजपा नेता सतीश सिंह की हत्या हो चुकी है। एक बार फिर यहां संघर्ष की स्थिति बन रही है। इस बार एक तरफ जनता मजदूर संघ छोड़ कर झामुमो में शामिल हो चुके बंटी सिंह हैं तो दूसरी तरफ झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह हैं। संघर्ष होने की संभावना 26 जनवरी को है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : अलकुसा में आउटसोर्सिग के तहत चल रहे उत्खनन कार्य पर वर्चस्व स्थापित करने को लेकर भाजपा नेता सतीश सिंह की हत्या हो चुकी है। एक बार फिर यहां संघर्ष की स्थिति बन रही है। इस बार एक तरफ जनता मजदूर संघ छोड़ कर झामुमो में शामिल हो चुके बंटी सिंह हैं तो दूसरी तरफ झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह हैं। संघर्ष होने की संभावना 26 जनवरी को है। अलकुसा डिपो में मजदूरों की ओर से झंडोत्तोलन का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें जनता मजदूर संघ ने रागिनी सिंह को आमंत्रित किया है, जबकि दूसरी ओर झामुमो और इसका मजदूर संगठन झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन ने भी झंडोत्तोलन की तैयारी की है। ऐसे में यहां सघर्ष होने की पूरी संभावना है। इस संघर्ष की संभावना को देखते हुए अलकुसा डिपो पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से निषेधज्ञा लगा दिया है। बंटी सिंह का संबंध जनता मजदूर संघ और सिंह मेंशन से पुराना रहा है। अलकुसा में जनता मजदूर संघ को स्थापित करने में बंटी सिंह के पिता सारंगधर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह का अहम योगदान रहा है। स्व. सूर्यदेव सिंह के समय से ही मुन्ना सिंह ने यूनियन का कार्य करते रहे। बीते 45 सालों में जनता मजदूर संघ से अलग नहीं हुए। यही कारण है कि वे संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष हैं। बंटी सिंह इन्हीं के पुत्र हैं। बंटी सिंह ने भी पहले जनता मजदूर का साथ दिया, लेकिन कुछ विवादों के कारण वे अब झामुमो के साथ हो चुके हैं।