रेलवे के पाथरडीह फिल्टर हाउस में एलम, क्लोरीन का टोटा

पूर्व मध्य रेल धनबाद मंडल की पाथरडीह रेल कालोनी में ग्यारह दिनों से जलापूर्ति नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:46 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:46 PM (IST)
रेलवे के पाथरडीह फिल्टर हाउस में एलम, क्लोरीन का टोटा
रेलवे के पाथरडीह फिल्टर हाउस में एलम, क्लोरीन का टोटा

राहुल मिश्रा, चासनाला : पूर्व मध्य रेल धनबाद मंडल की पाथरडीह रेल कालोनी में ग्यारह दिनों से पेयजलापूर्ति बंद है। रेल कर्मियों में हाहाकार मचा हुआ है। दैनिक जागरण अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद रेलवे अधिकारी पेयजलापूर्ति के लिए जोर शोर से तैयारियों में जुट गए हैं।

रेलवे फिल्टर हाउस से रेल कर्मियों को शुद्ध पेयजल तक नहीं मिल पा रहा, क्योंकि फिल्टर हाउस में ब्लीचिग पाउडर, एलम व क्लोरीन केमिकल का भारी टोटा है। अगर समय रहते सामग्री उपलब्ध नहीं हुई तो रेल कर्मियों को गंदे पानी से ही काम चलाना होगा। फिल्टर हाउस में रा वाटर को स्वच्छ व पीने योग्य बनाने के लिए एलम (फिटकरी), ब्लीचिग पाउडर व क्लोरीन केमिकल का प्रयोग किया जाता है, लेकिन पाथरडीह रेलवे के फिल्टर हाउस में रा वाटर को शुद्ध करने के लिए इन सामग्री का भारी टोटा है। फिल्टर हाउस में सभी सामग्री समाप्त है। रेल कर्मियों का कहना है कि घरों में रा वाटर को बिना फिल्टर के ही पेयजलापूर्ति कर दी जाती है। जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पानी खरीद कर पीना मजबूरी है।

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क्लोरीन मशीन वर्षो से खराब :

रेलवे के फिल्टर हाउस में कुछ वर्ष पूर्व क्लोरीन मशीन लगाई गई थी। पानी फिल्टर के दौरान एक उचित मात्रा में क्लोरीन रसायन को डाला जा सके। क्लोरीन मशीन लगने के कुछ महीनों बाद से ही उसमें तकनीकी खराबी आ गई। रेलवे प्रबंधन की लापरवाही से आज तक वह नहीं बना है।

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नए जलमीनार से इसी माह शुरू होगी जलापूर्ति

पाथरडीह पंप हाउस समीप 89 लाख की लागत से जलमीनार बनाने की निविदा वर्ष 2018 में मेसर्स मनोज कुमार सिंह को दी गई थी। इसमें पचास हजार गैलन की क्षमता की जलमीनार बनानी थी। वह कार्य अब आखिरी चरण में है। जलमीनार को फिल्टर प्लांट से जोड़ने के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। इस माह से नए जलमीनार से पाथरडीह के रेल कालोनियों में पेयजलापूर्ति की शुरुआत की जा सकती है।

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एलम व क्लोरीन केमिकल की कमी नहीं होने दी जाएगी। धनबाद मुख्य भंडारण गृह से सामग्री की मांग की गई है। कर्मियों को शुद्ध पेयजलापूर्ति की जाएगी। फिलहाल टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। नए जलमीनार से इसी माह से पेयजलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

जितेंद्र कुमार, वरीय अनुभाग अभियंता कार्य, पाथरडीह रेलवे

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