ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को बिहार सरकार का अल्टीमेटम

धनबाद ईस्ट सेंट्रल रेलवे यूनियन की कार्यकारिणी का कार्यकाल अक्टूबर में ही समाप्त हो चुका है। पर पदाधिकारी कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Dec 2019 01:47 AM (IST) Updated:Wed, 18 Dec 2019 01:47 AM (IST)
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को बिहार सरकार का अल्टीमेटम
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को बिहार सरकार का अल्टीमेटम

धनबाद : ईस्ट सेंट्रल रेलवे यूनियन की कार्यकारिणी का कार्यकाल अक्टूबर में ही समाप्त हो चुका है। पर पदाधिकारी कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं हैं। इसे लेकर यूनियन में विवाद गहरा गया है। पदाधिकारियों की दादागिरी से तंग आकर यूनियन सदस्यों ने बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग का दरवाजा खटखटाया है। उदय चंद गिरि व छह सदस्यों ने शिकायत की है कि मौजूदा पदाधिकारी नियमों से खिलवाड़ कर रहे हैं। यूनियन के संविधान में संशोधन का बिहार श्रमिक संघ में निबंधन नहीं कराया है। उप निबंधक श्रमिक संघ बिहार कुमार प्रमोद नारायण सिंह ने 15 दिनों में जवाब तलब किया है। दूसरी ओर, यूनियन के पूर्व सहायक महामंत्री ने भी मौजूदा पदाधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामले की शिकायत रेल महाप्रबंधक से की गई है।

सहायक महामंत्री संतोष तिवारी ने रेल महाप्रबंधक को दिए पत्र में बताया है 13 अक्टूबर 2017 को यूनियन की कार्यकारिणी व पदाधिकारी का चुनाव हुआ था। नियम के मुताबिक चुनाव दो साल का होता है। इसके बाद आम सभा कर नए सिरे से दोबारा चुनाव होता है और पदाधिकारी चुने जाते हैं। पर कार्यकाल खत्म होने के दो महीने गुजरने के बाद भी यूनियन नेता अपनी कुर्सी छोड़ने को राजी नहीं है।

रद की जाए कार्यकारिणी व पदाधिकारियों की लिस्ट

पूर्व सहायक महामंत्री ने कहा है कि मौजूदा कार्यकारिणी ने आम सभा नहीं बुलाई, तो नियमों के अनुसार कार्यकारिणी स्वत: भंग हो गई है। ऐसे में रेल प्रशासन कार्यकारिणी की लिस्ट को रद करें।

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