Dhanbad-Chandrapura Rail Line की सुरक्षा को लेकर रेलवे अलर्ट मोड में, प्रधान मुख्य अभियंता करेंगे समीक्षा

34 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर कुसुंडा से बाजोड़ा के बीच रेलवे ट्रैक से 28 मीटर की दूरी पर नया फायर जोन देखा गया है। धुआं निकलने के बाद रेलवे ने ट्रैक को खतरा ना होने की बात जरूर कही है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 10 Dec 2020 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 10 Dec 2020 04:06 PM (IST)
Dhanbad-Chandrapura Rail Line की सुरक्षा को लेकर रेलवे अलर्ट मोड में, प्रधान मुख्य अभियंता करेंगे समीक्षा
धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को भूमिगत आग से खतरा बताया जाता है (फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग ( Dhanbad-Chandrapura Rail Line) पर दो दिन पहले मिले नए फायर जोन को लेकर पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के अधिकारी भी रेस हो गए हैं। मुख्यालय तक मामला पहुंचने के बाद अब प्रधान मुख्य अभियंता केडी राल्हा मौजूदा परिस्थिति का जायजा लेने धनबाद आ रहे हैं। हालांकि रेलवे ने साफ तौर पर इसका जिक्र नहीं किया है। इसके साथ ही मुख्यालय के अभियंता लोडिंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले शिवपुर-टोरी रेलखंड का  भी निरीक्षण करेंगे। उनका यह निरीक्षण 11 दिसंबर को होगा। फिर 12 दिसंबर को धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों के साथ उनकी अहम बैठक भी है। बैठक के दौरान धनबाद चंद्रपुरा रेल लाइन पर मिले नए फायर जोन को लेकर भी मंथन होगा।

34 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर कुसुंडा से बाजोड़ा के बीच रेलवे ट्रैक से 28 मीटर की दूरी पर नया फायर जोन देखा गया है। धुआं निकलने के बाद रेलवे ने ट्रैक को खतरा ना होने की बात जरूर कही है। पर इसके साथ ही प्रभावित रेलखंड पर यात्री ट्रेनों की रफ्तार कम कर दिया गया है। शताब्दी एक्सप्रेस समेत इस रेल मार्ग पर चलने वाली सभी ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी गई है। इससे पहले सुरक्षा के मद्देनजर धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर साल 2017 में 15 जून से रेल परिचालन रोक दिया गया था। डेढ़ साल बाद राजनीतिक दबाव में फिर से रेल परिचालन शुरू किया गया। 

रेलवे का कहना है कि प्रधान मुख्य अभियंता के साथ होने वाली बैठक में 160 की गति से चलने वाली यात्री ट्रेनों को लेकर चर्चा होगी। अब तक हुए कार्य प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी।

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