पीएमसीएच ने हजारीबाग कॉलेज भेजे दो शव, अब शुरू होगी एनाटामी की पढ़ाई Dhanbad News

पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज की अपील के बाद धनबाद से दो शवों को भेजा गया। मेडिकल से जुड़ी चीजों का आगे भी सहयोग किया जायेगा।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 10:05 AM (IST)
पीएमसीएच ने हजारीबाग कॉलेज भेजे दो शव, अब शुरू होगी एनाटामी की पढ़ाई Dhanbad News
पीएमसीएच ने हजारीबाग कॉलेज भेजे दो शव, अब शुरू होगी एनाटामी की पढ़ाई Dhanbad News

धनबाद, [मोहन गोप]। वर्ष 2018 में शुरू हुए हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में अब पीएमसीएच धनबाद की मदद से एनाटॉमी (शरीर रचना) की पढ़ाई हो पाएगी। मृत शव (केडेवर) नहीं मिलने से हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी के डिटेक्शन क्लास नहीं शुरू हो पा रही थी। हजारीबाग के प्राचार्य डॉ. सुशील कुमार सिंह ने पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार को इस बाबत पत्र लिख कर शव उपलब्ध कराने की मांग की थी। इसी बाबत, बुधवार को हजारीबाग से एक टीम शव वाहन लेकर पीएमसीएच पहुंची। यहां कागजी प्रक्रिया के बाद शव को टीम के सदस्य अपने साथ ले गये। इधर, पीएमसीएच प्रबंधन के अनुसार यहां लावारिस सरप्लस हैं। प्रतिमाह शव मिल जाते हैं। 

शव को किया गया इमबाल्मिंग, पर लगाया गया विशेष लेप 

शव को देने से पूर्व पीएमसीएच प्रबंधन ने दोनों शव को इम्बाल्मिंग किया। इम्बाल्मिंग वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से शव को विशेष लेप (फार्मलिंग केमिकल) में डूबोया जाता है। इसके बाद शव को डीप फ्रिजर में रख दिया जाता है। इसके बाद यह शव छह माह से वर्ष भर रह सकता है। इसमें कोई खराबी नहीं आती है। शव से दुर्गंध भी कम आती है। 

एनाटॉमी बेहद अहम विषय : पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार बताते हैं कि मेडिकल की पढ़ाई में एनाटॉमी (शरीर रचना) बेहद अहम विषय होता है। इस विषय में डिटेक्शन क्लास में शरीर की रचना कैसे हुई? टिश्यू कैसे बने? वेन व मसल्स कैसे तैयार हुए? हड्डियों के निर्माण से लेकर शरीर के सभी अंगों की जानकारी व उसके कार्यों के जानकारी मिलती है। 

तीनों नए मेडिकल कॉलेजों में कमी : वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने हजारीबाग, पलामू व दुमका में नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया गया। यहां से अगस्त 2018 में 100-100 सीटों पर एमबीबीएस में नामांकन कर लिया गया। इन तीनों जगहों में अभी तक पोस्टमार्टम की सुविधा नहीं शुरू हो पायी है। ऐसे में शवों की घर कमी रहती है। 

हजारीबाग मेडिकल कॉलेज की अपील के बाद धनबाद से दो शवों को भेजा गया। मेडिकल से जुड़ी चीजों का आगे भी सहयोग किया जायेगा। -डॉ. शैलेंद्र कुमार, प्राचार्य, पीएमसीएच।

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