भाजपा में झाविमो के विलय से असमंजस में कार्यकर्ता, खरमास बाद होगा पार्टी के भविष्य का फैसला Dhanbad News

भाजपा में झाविमो के विलय की चर्चा है। इसको लेकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता असमंजस में है। वहीं पार्टी नेता सरोज सिंह की मानें तो बाबूलाल मरांडी के निर्णय से कोई बाहर नहीं है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 08:34 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 08:34 PM (IST)
भाजपा में झाविमो के विलय से असमंजस में कार्यकर्ता, खरमास बाद होगा पार्टी के भविष्य का फैसला Dhanbad News
भाजपा में झाविमो के विलय से असमंजस में कार्यकर्ता, खरमास बाद होगा पार्टी के भविष्य का फैसला Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के भाजपा में विलय की आयी खबरों के बाद से पार्टी के अंदर खलबली है। झाविमो नेता और कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में हैं। कोई कुछ समझ नहीं पा रहा है कि आखिर किस ओर जाएं। धनबाद में जिलाध्यक्ष का पद भी खाली है, जबकि शीर्ष नेतृत्व के नेता खरमास बीतने का इंतजार कर रहे हैं। खरमास बाद पार्टी के भविष्य का फैसला होना है। 

गौरतलब है कि झाविमो की केंद्रीय कमेटी भंग है। इसके साथ ही जिलों की भी कमेटियां भंग हो चुकी हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी के बावत कोई भी निर्णय लेने के लिए केवल पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी अधिकृत हैं। इस संबंध में जेवीएम के केंद्रीय महासचिव रमेश राही ने बताया कि संगठन को लेकर सभी निर्णय बाबूलाल मरांडी के स्तर से लिया जाना है। जिलाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की भी घोषणा उन्हीं के स्तर से की जानी है। भाजपा में विलय को लेकर राही ने कहा कि अभी झाविमो अस्तित्व में है। जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा।

इधर पार्टी नेता सरोज सिंह की मानें तो बाबूलाल मरांडी के निर्णय से कोई बाहर नहीं है। 14 जनवरी के बाद सारी स्थिति साफ हो सकती है। पार्टी के इस स्थिति को लेकर मोर्चा एवं अन्य समूहों में भी असमंजस देखा जा सकता है। इधर, राज्य की सियासी गलियारों में चर्चा है कि झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी खरमास बाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

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