लाला की डायरी से राज खुलने के डर से झारखंड के कई जनप्रतिनिधियों का चेहरा हुआ काला, धनबाद सांसद बोले-खुल ही जाय तो अच्छा

लाला के ठिकानों पर छापे के दाैरान सीबीआइ को एक डायरी मिली है। इसमें झारखंड-पश्चिम बंगाल के वैसे नेताओं और पुलिस पदाधिकारियों के नाम हैं जो लाला से लाभान्वित होते थे। अब राज खुलने का डर सबको सता रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 08:19 AM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 01:15 PM (IST)
लाला की डायरी से राज खुलने के डर से झारखंड के कई जनप्रतिनिधियों का चेहरा हुआ काला, धनबाद सांसद बोले-खुल ही जाय तो अच्छा
झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सांसद पीएन सिंह (फाइल फोटो)।

धनबाद [ चरणजीत सिंह ]। पश्चिम बंगाल के कोयला माफिया अनूप माजी उर्फ लाला के खिलाफ सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से झारखंड के कई जनप्रतिनिधियों के चेहरे काला पड़ गए हैं। ये वो जनप्रतिनिधि हैं जो लाला से उपकृत होते रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि लाला के ठिकानों पर छापे के दाैरान सीबीआइ को एक डायरी मिली है। इसमें झारखंड-पश्चिम बंगाल के वैसे नेताओं और पुलिस पदाधिकारियों के नाम हैं जो लाला से लाभान्वित होते थे। अब राज खुलने का डर सबको सता रहा है। इस प्रकरण पर झारखंड प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है-लाला की डायरी में किन-किन लोगों के नाम हैं, इसका राज खुलना चाहिए। राज खुल जाय तो अच्छा होगा। कम से कम सच्चाई तो सामने आ जाएगी।

झारखंड के नेताओं और अफसरों की जांच होनी चाहिए

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह धनबाद सांसद पीएन सिंह ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि पश्चिम बंगाल के कोयला माफिया अनूप माजी उर्फ लाला की डायरी कई राज खोलेगी। सीबीआइ एवं प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को छापामारी में लाला की डायरी मिली है। यह बात सार्वजनिक हो चुकी है कि डायरी में लाला से उपकृत होने वाले पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के कई राजनेताओं एवं अफसरों के नाम हैं। कोयला के काले कारोबार के लिए लाला से रिश्ता रखने वाले झारखंड के राजनेताओं एवं अफसरों की भूमिका की गहराई से जांच होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल का कोयला जामताड़ा के रास्ते बिहार और उत्तर प्रदेश जा रहा था। जामताड़ा से गिरिडीह होकर कोयला लदे वाहन आगे बढ़ रहे थे। बंगाल में अवैध रुप से कोयला खदानों का चलाया जा रहा था। इतना गलत होगा तो सीबीआइ जैसे संगठन छापा मारेंगे ही। इसे पश्चिम बंगाल की चुनावी राजनीति से जोड़ना कतई सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बंगाल का अवैध कोयला गिरिडीह और धनबाद की कई कंपनियों में जाता है। जांच में सब सामने आ जाएगा।

मरांडी की तरह हेमंत बालू को मुफ्त करें

पीएन सिंह ने कहा कि बालू नहीं मिलने के कारण झारखंड में विकास रुक गया है। बालू का उठाव बंद करा दिया गया है तो विकास की बात कैसे हो सकती है। घर बनाना हो तो भी बालू चाहिए। बालू नहीं है तो सरकारी भवन या सड़क बनाने की योजना कैसे स्वीकृत हो सकती है। वैसे भी कोरोना काल में रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में बालू के मसले पर ठोस निर्णय नहीं होने की बात कह कर हेमंत सरकार बच नहीं सकती। हेमंत सरकार बने एक साल हो चुके हैं। बहानेबाजी नहीं चल सकती। अगर कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं तो बाबूलाल मरांडी की तरह हेमंत सोरेन को बालू मुफ्त कर देना चाहिए। मरांडी सरकार की राह चलने में कोई हर्ज नहीं है।

रमेश पांडेय के सदस्यता लेने पर रोक नहीं

पीएन सिंह ने कहा कि रमेश पांडेय के सदस्यता लेने पर रोक नहीं है। भाजपा में अब मोबाइल संदेश के जरिए सदस्यता ले सकते हैं। पार्टी संविधान में यह व्यवस्था भी नहीं है कि हरेक व्यक्ति को सदस्यता दिलाने में सांसद को मौजूद रहना है। उन्होंने कहा कि धनबाद नगर निगम के चुनाव में डिप्टी मेयर का उम्मीदवार होने का रमेश पांडेय टेम्पो पर प्रचार करा रहे हैं। डिप्टी मेयर का उम्मीदवार तो पार्टी तय करेगी। उन्होंने कहा कि रमेश पांडेय के सदस्यता ग्रहण करने के कार्यक्रम को उन्होंने रद्द नहीं कराया था। सिर्फ यही कहा था कि वे उस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रह पाएंगे। इस मसले पर बातचीत नहीं हुई थी। वैसे भी सांसद जो तय करते हैं, उसके मुताबिक चलना संगठन की मजबूरी नहीं है।

केंदुआ मंडल अध्यक्ष का चयन रायशुमारी पर

पीएन सिंह ने कहा कि सतीश सिंह की मौत के बाद केंदुआ मंडल अध्यक्ष के चयन में सीधे उनकी कोई भूमिका नहीं है। राज पलिवार ने आकर सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष समेत कई लोगों से रायशुमारी की थी। रायशुमारी में जो भी बातें आई, उसी के मुताबिक सारे मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। जिला कार्यसमिति के गठन अथवा मंडल अध्यक्ष का चुनाव संगठन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुआ है।

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