नसीब ने दगा दिया, सिस्टम झुला रहा

भगवान मालवीय चिरकुंडा चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में कई महिलाओं को विधवा पेंशन योजना क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:39 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:39 AM (IST)
नसीब ने दगा दिया, सिस्टम झुला रहा
नसीब ने दगा दिया, सिस्टम झुला रहा

भगवान मालवीय, चिरकुंडा:

चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में कई महिलाओं को विधवा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। एक तो नसीब ने असमय घर का सहारा छीन लिया, ऊपर से सिस्टम सहायता करने के बजाय चप्पल घिसवा रहा है।

विधवा पेंशन योजना के तहत आवेदन देने के बावजूद कई महिलाओं को प्रखंड कार्यालय में लगातार भटकना पड़ रहा है। चिरकुंडा मुंडा धौड़ा स्लम एरिया की रहने वाली आदिवासी महिला नंदी मुंडाइन पांच साल से विधवा पेंशन के लिए प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा रही है। नंदी ने विधवा पेंशन के लिए पांच साल पहले आवेदन दिया था। वर्ष 2017 में विधवा पेंशन के लिए स्वीकृति मिल गई। विधवा पेंशन के लिए स्वीकृति पत्र भी प्राप्त हो गया। लेकिन आज तक पेंशन प्राप्त नहीं हुई है। पेंशन की आस लेकर अक्सर बैंक जाती रहती है कि शायद उसके खाते में पेंशन राशि आ गई हो। लेकिन हर बार बैंक से मायूस होकर लौटना पड़ता है। कोई रास्ता नहीं देख पार्षद भारती कुमारी के पास गई। पार्षद ने निरसा व एग्यारकुंड प्रखंड के प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया। अधिकारियों ने जल्द ही विधवा पेंशन प्रारंभ होने का आश्वासन दिया लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। महीनों बीत गए लेकिन आस अभी बाकी है। नंदी मुंडाईन का रहने का ठिकाना भी नहीं बचा है। उसका घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे रहने में परेशानी हो रही है। प्रोफेसर अरुण कुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आदिवासी महिला को पेंशन दिलाने की मांग की है। मंजू, रूपा व मुनिया देवी दो साल से कर रही इंतजार

चिरकुंडा नगर परिषद के वार्ड नंबर दो स्थित स्लम क्षेत्र झोपड़पट्टी निवासी मुनिया देवी, रूपा देवी व मंजू देवी भी दो साल से विधवा पेंशन का इंतजार कर रही हैं। तीनों विधवा पेंशन के लिए कई बार एग्यारकुंड प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन अभी तक पेंशन नहीं मिली है।

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