निरसा में मासस-झामुमो के बीच बढ़ा टकराव, अशोक ने जीटी जाम करने की दी चेतावनी

निरसा विधानसभा में मासस 30 वर्षों से राजनीतिक षडयंत्र की राजनीति कर रही है। सुशांत सेनगुप्ता और सुशांत चंद्रा की निर्ममता से हत्या मासस की गंदी राजनीति से जुड़ी हुई है।

By mritunjayEdited By: Publish:Sun, 03 Feb 2019 06:43 PM (IST) Updated:Sun, 03 Feb 2019 06:43 PM (IST)
निरसा में मासस-झामुमो के बीच बढ़ा टकराव, अशोक ने जीटी जाम करने की दी चेतावनी
निरसा में मासस-झामुमो के बीच बढ़ा टकराव, अशोक ने जीटी जाम करने की दी चेतावनी

निरसा, जेएनएन। निरसा विधानसभा क्षेत्र में मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई है। पूर्व मुखिया दिनेश सिंह के घर पर मासस समर्थकों द्वारा पथराव और महिलाओं के साथ गाली-गलौज के विरोध में रविवार को झामुमो केंद्रीय कमेटी के सदस्य अशोक मंडल समर्थकों के साथ निरसा थाना पहुंचे। उन्होंने पुलिस से 24 घंटे के अंदर पथराव करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही गिरफ्तारी नहीं होने पर जीटी रोड जाम करने की चेतावनी दी। 

मासस और झामुमो के बीच टकराव की शुरूआत 30 जनवरी को हुई थी। मासस नेता और स्थानीय विधायक अरुप चटर्जी ने झामुमो के दिनेश सिंह, मो. अरमान एवं मंतोष उर्फ मोछू पर जान मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। विधायक की अनुपस्थिति में तीनों ने राजापुर स्थित उनके आवास पर जाकर बम से उड़ाने की धमकी दी। साथ ही गाली-गलाैज की। इस मामले को विधायक ने विधानसभा में उठाया तो तूल पकड़ लिया। शनिवार को तीनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दिया। दूसरी तरफ मामस के आक्रोश रैली के दौरान पूर्व मुखिया सह झामुमो नेता दिनेश सिंह के घर पर पथराव किया गया। दिनेश सिंह के घर पर पथराव और महताडीह में महिला के साथ दुराचार के मामले को लेकर झामुमो नेता अशोक मंडल ने रविवार को निरसा थाना पहुंचकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की। 

मंडल ने कहा कि निरसा विधानसभा क्षेत्र में झामुमो के बढ़ते जनाधार को देख विधायक अरुप चटर्जी हताश हैं। हताशा में वे झूठे आरोप लगाकर गंदी राजनीति कर रहे हैं। दिनेश सिंह पहले विधायक के ही साथ थे। उनका साथ छोड़ झामुमो में शामिल होने के बाद दिनेश सिंह को विधायक लगातार परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निरसा विधानसभा में मासस 30 वर्षों से राजनीतिक षडयंत्र की राजनीति कर रही है। सुशांत सेनगुप्ता और सुशांत चंद्रा की निर्ममता से हत्या मासस की गंदी राजनीति से जुड़ी हुई है। कोई कार्यकर्ता मासस छोड़ अन्य पार्टी का दामन थामता है तो उस कार्यकर्ता को विधायक अरूप चटर्जी द्वारा षडयंत्र कर फंसाया जाता है। इस षड्यंत्र का शिकार पूर्व में मासस के नेता प्रशांत बनर्जी झेल चुके है। आज फिर से पूर्व मासस कार्यकर्ता और निर्दोष पूर्व मुखिया दिनेश सिंह को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चटर्जी माफिया राज समाप्त करने की बात करते हैं लेकिन खुद माफिया राज चलाना चाहते हैं। 

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