नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन की कीमत पर कोयले का अवैध खनन, यहां कभी भी जमींदोज हो सकती रेलगाड़ी Dhanbad News

जमीन में दरार आने के कारण न सिर्फ रेल मार्ग खतरे में आया है बल्कि सड़क मार्ग का उपयोग करने वाली बड़ी आबादी भी आशंकित है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 06:25 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 03:39 PM (IST)
नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन की कीमत पर कोयले का अवैध खनन, यहां कभी भी जमींदोज हो सकती रेलगाड़ी Dhanbad News
नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन की कीमत पर कोयले का अवैध खनन, यहां कभी भी जमींदोज हो सकती रेलगाड़ी Dhanbad News

निरसा, जेएनएन। अवैध खनन के कारण निरसा में नई दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन के किनारे जमीन में दरारें पड़ चुकी है। खास निरसा के नया डांगा काली मंदिर से थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क के दोनों तरफ 50 से 60 फीट के दायरे में जमीन में जगह-जगह पर दरारें साफ दिख रही हैं।

थापरनगर स्टेशन जाने वाली सड़क एक जगह पर एक फीट नीचे धंस गई है क्योंकि अवैध खनन के कारण नीचे की धरती खोखली हो चुकी है। दरारें नहीं भरी गई तो इस रेल मार्ग पर चलने वाले ट्रेनें और उस पर सवार हजारों यात्री कभी भी खतरे में आ सकते हैं। 

पिछले साल दुर्गा पूजा के समय भी उसी जगह पर जमीन धंस गई थी। 20 फीट की परिधि में गोफ बन गया था। लोगों ने हो हल्ला किया था तो ईसीएल (ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड) प्रबंधन ने गोफ को भरवाया था। खास निरसा के लोग फिर उसी जगह पर दरारें देख कर दहशत में है। लोग मान रहे हैं कि अवैध खनन नहीं रुका तो थापरनगर स्टेशन को जाने वाली सड़क धरती में समा जाएगी और उसके साथ श्यामपुर बस्ती भी खतरे में आ जाएगी। 

ग्रामीणों ने हल्ला शुरू किया तो ईसीएल ने की घेराबंदी

खास निरसा और उसके आसपास रहने वाले लोगों ने दरारें देखने के बाद सड़क के किनारे झाड़ी और पेड़ की डालियां काट कर रख दी थी ताकि कोई इंसान उधर नहीं जाय। फिर हो हल्ला शुरू हुआ तो ईसीएल प्रबंधन ने बुधवार की रात दरार वाले इलाके की घेराबंदी शुरू करा दी। 

जिधर खतरा, उधर से बड़ी आबादी की आवाजाही

जमीन फटने के कारण न सिर्फ रेल मार्ग खतरे में आया है बल्कि सड़क मार्ग का उपयोग करने वाली बड़ी आबादी भी आशंकित है। थापरनगर स्टेशन सड़क का उपयोग निरसा, राजा कोलियरी, खुदिया फाटक के लोग करते हैं। श्यामपुर, पहाड़ी बस्ती, बांदरचुआ, भुइयांडीह के ग्रामीण भी इसी सड़क से निरसा आते हैं। 

खुदिया नदी के किनारे सुरंग बना कर अवैध खनन

खुदिया नदी के किनारे सुरंग बना कर चोर कोयला खदानों में प्रवेश करते हैं। खास निरसा के ग्र्रामीणों की मानें तो खदान में कोयला की चïट्टानें होती हैं। कोयला काटने में चोर जमीन को सहारा देने वाली चïट्टान को भी नहीं छोड़ते। ऊपर से दबाव पड़ता है तो खदान के भूतल से धरती की सतह को जोड़ कर रखने वाली चïट्टान दरक जाती है। इसी वजह से धरती फटती है।

थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क के किनारे जमीन में दरार होने के कारणों की जांच कराई जाएगी। जहां भी अवैध खनन होता है, उसकी लगातार भराई कराई जाती है। अवैध खनन पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा।

-सदानंद सुमन, जीएम, ईसीएल मुगमा क्षेत्र 

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