निरसा कैंपस में एक आर्टिफिशियल माइन बनाएगा आइआइटी आइएसएम, यहीं खनन की बारीकियां समझेंगे छात्र

आइआइटी आइएसएम का निरसा कैंपस स्किल सेंटर व रिसर्च पार्क बनेगा। धनबाद मुख्यालय से दूरी होने की वजह से आइएसएम के इस दूसरे कैंपस में रिसर्च के साथ ही प्रतिभाओं को तराशने का काम होगा। शुक्रवार को आइआइटी के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने यह बात कही।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Sat, 06 Aug 2022 06:54 AM (IST) Updated:Sat, 06 Aug 2022 06:54 AM (IST)
निरसा कैंपस में एक आर्टिफिशियल माइन बनाएगा आइआइटी आइएसएम, यहीं खनन की बारीकियां समझेंगे छात्र
निरसा कैंपस में 67 एकड़ की बाउंड्री बन रही है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: आइआइटी आइएसएम का निरसा कैंपस स्किल सेंटर व रिसर्च पार्क बनेगा। धनबाद मुख्यालय से दूरी होने की वजह से आइएसएम के इस दूसरे कैंपस में रिसर्च के साथ ही प्रतिभाओं को तराशने का काम होगा। शुक्रवार को आइआइटी के प्रशासनिक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में निदेशक प्रो राजीव शेखर ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि निरसा कैंपस में 67 एकड़ की बाउंड्री बन रही है। कुछ अतिक्रमण किया गया है। इसमें फायर ब्रिक्स की फैक्ट्री और कुछ सरकारी संस्थाएं भी शामिल हैं। इसी तरह लगभग 160 एकड़ के भूखंड में कुछ निजी जमीन भी है। इसका भी निपटारा किया जा रहा है। अपने वाले दिनों में निरसा केंद्र स्किल और रिसर्च का श्रेष्ठ केंद्र होगा। इसी अनुरूप इसे बनाया जा रहा है। यहां एक आर्टिफिशियल माइंस भी बनाया जाएगा। यह एक तरह से वास्तविक अंडरग्राउंड माइंस की तरह ही होगा। पहले हम यहां सभी मानकों को परखेंगे, प्रयोग करेंगे, इसके बाद असली माइंस में प्रयोग या शोध पर काम होगा। हाल में जारी रैंकिंग में आइआइटी को परसेप्शन में कम अंक मिला। निदेशक ने इसमें सुधार करने और भावी योजनाओं पर चर्चा की।

13 और 14 अगस्‍त को दीक्षांत समारोह, राज्यपाल रमेश बैस होंगे मुख्य अतिथि

आइआइटी आइएसएम का 41वां दीक्षांत समारोह 13 और 14 अगस्त को पेनमैन आडिटोरियम में होगा। 13 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और 14 को टाटा स्टील न्यू टेक्नोलाजी बिजनेस के वाइस प्रेसिडेंट डा.देवाशीष भट्टाचार्य मुख्य अतिथि होंगे। 13 व 14 अगस्त को दो दिन दो सत्र 2019-20 व 2020-21 के छात्रों को डिग्री मिलेगी। 13 को सत्र 2019-20 के 1978 छात्रों और 14 अगस्त को सत्र 20-21 के 1659 छात्रों को डिग्री दी जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए ड्रेस कोड भी जारी कर दिया गया है। दोनों सत्र में साढ़े तीन हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को डिग्री मिलेगी। सत्र 2019-20 के लिए बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हिमांशु भूषण संधिविग्रह को प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल मिलेगा। हिमांशु को 9.73 ओजीपीए मिला है। साथ ही बीटेक में ओवरआल टापर हैं।

वर्ष 2020-21 के लिए बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र अजीत कुमार को प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल दिया जाएगा। अजीत को 9.7 ओजीपीए मिला है। अजीत भी बीटेक में ओवरआल टापर बने हैं। दीक्षांत समारोह में दोनों सत्र के 114 छात्रों को गोल्ड मेडल व 19 छात्रों (सत्र 2019-20 में नौ व सत्र 2020-21 में 10) को सिल्वर मेडल मिलेगा। प्रबंधन ने दोनों सत्र के लिए मेडल पाने वाले छात्र-छात्राओं की सूची जारी कर दी है। दोनों सत्र के कुल 167 छात्र-छात्राओं को विभिन्न मेडल (स्पांसर मेडल सहित) मिलेंगे। सत्र 2020 में एमटेक के विभिन्न कोर्स में 31 व सत्र 2021 में एमटेक के 28 छात्रों को गोल्ड मेडल मिलेगा।

परसेप्शन सुधार के लिए भी उठाए जा रहे कई कदम

- इकोनाॅमिस्ट फाइनेंस, साॅफ्टवेयर, इंजीनियरिंग साइंस कोर्स समेत लगभग 13 कोर्स अनिवार्य।

- ओपन इलेक्टिव का नियम लागू किया गया है, कोर्स ब्रेक कर छात्र किसी दूसरे विभाग से भी कोर्स कर सकते हैं।

- डबल मेजर प्रोग्राम के तहत एक वर्ष एक्सट्रा देकर डबल बीटेक किया जा सकेगा।

- पीएचडी में बदलाव किया गया है। टाप जर्नल में प्रकाशन जरूरी, पीएचडी का एग्जामिनर भी क्यूएस-200 रैंकिंग में होना चाहिए।

- फैकेल्टी और छात्र का अनुपात कम है, इसमें सुधार करना है।

- पेटेंट पब्लिश और पेटेंट ग्रांट को बढ़ावा देना है।

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