IIT ISM : जुगाड़ तकनीक को व्यापक बनाने के लिए छात्रों से मांगा आइडिया, जानें क्या-क्या मिल रहे सुझाव

IIT ISM Dhanbad ने छात्रों से जुगाड़ का आइडिया मांगा है। यदि उस जुगाड़ का असर व्यापक होगा तो संस्थान उसे और बेहतर बनाएगा और तकनीक के रूप में विकसित कर आम लोगों तक पहुंचाएगा।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 06:16 PM (IST) Updated:Sun, 06 Sep 2020 06:22 PM (IST)
IIT ISM : जुगाड़ तकनीक को व्यापक बनाने के लिए छात्रों से मांगा आइडिया, जानें क्या-क्या मिल रहे सुझाव
IIT ISM : जुगाड़ तकनीक को व्यापक बनाने के लिए छात्रों से मांगा आइडिया, जानें क्या-क्या मिल रहे सुझाव

धनबाद, जेएनएन। बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट का क्लाईमेक्स सीन याद है। इंजीनियरिंग के छात्र रैंचो ने डीन वायरस की बेटी की डिलीवरी कराने के लिए वैक्यूम क्लीनर की मदद से एक प्रेशर यंत्र बनाया था। रैंचो ने जिंदगी बचाने के लिए जुगाड़ का सहारा लिया था। काबिल बनने का मंत्र सिखाने वाली इस फिल्म के क्लाइमेक्स सीन को अब हकीकत में रीमेक किया जाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'जुगाड़ तकनीक' की। हमारे देश में जुगाड शब्द बड़ा प्रचिलित है। यू समझ लीजिए कि यहां लोग 10 मिनट की बातचीत के दौरान तो 2-4 मिनट तो अपने जुगाड़ के बारे में ही बताते हैं कि मैंने ऐसे किया, वैसे किया। अजी हम तो जुगाडू हैं। कुछ न कुछ कर ही लेते हैं और अब तो स्वभाव सा बन गया हैं जुगाड़ करना।

ऐसे में अब आइआइटी आइएसएम धनबाद इस जुगाड़ का तकनीक से गठबंधन कराएगा। जिस किसी भी काम के लिए अब तक छात्रों ने जुगाड़ का उपयोग किया है अब उसे हकीकत में बदला जाएगा। दरअसल, आइएसएम ने संस्थान के छात्रों को एक सुनहरा मौका देने जा रहा है, जिसके तहत छात्रों से कि जुगाड़ का आइडिया मांगा गया है। यदि उस जुगाड़ का असर व्यापक होगा तो संस्थान उसे और बेहतर बनाएगा और तकनीक के रूप में विकसित कर आम लोगों तक पहुंचाएगा। वहीं, जुगाड़ से संबंधित कई छात्रों ने अपना आइडिया ऑनलाइन भेजा है। जिस पर संस्थान मंथन कर रहा है कि कौन सा जुगाड़ आइडिया ऐसा है जिसे तराशा जा सके।

कुछ आइडिया जो छात्रों ने भेजा है :

आइडिया एक : मैं अपनी कक्षाओं के लिए देर से आता था, क्योंकि क्लास सुबह में रहता था और मैं देर से सोता था। तब मुझे लगा कि एक साइकिल की ज़रूरत है, लेकिन मैं अकेले नहीं खरीद सकता। यह आर्थिक रूप से संभव नहीं था। मेरे रूममेट की कक्षाएं भी मेरे साथ नहीं थीं, इसलिए मैंने उसके साथ एक साइकिल खरीदने का फैसला किया। हमने एक साइकिल साझा की और इसने कक्षाओं को आसान बना दिया। साथ ही मेरा दैनिक आवागमन भी इससे होने लगा। आइडिया दो : मैं हमेशा अपने कमरे की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता था। मैने अपने रूममेट के साथ मिलकर एक साधारण सुरक्षा सेटअप खरीदा और उसे प्रोग्राम किया। अब किसी भी समय कोई भी हमारे कमरे में प्रवेश करता है, यह हम दोनों को एक सूचना भेजता है। आइडिया तीन : दिहाड़ी मजदूरों और गरीब लोगों के लिए एक ऐप बनाया जाना चाहिए। अचानक उन्हें दवाओं या किसी भी चीज़ के लिए पैसे की आवश्यकता हो सकती है, इसलिए इस ऐप में उक्त व्यक्ति अपनी स्थिति के बारे में संदेश भेज सकता है। हमारी एक टीम होगी जो संदेशों की निगरानी करेगी और पुष्टि करेगी कि संदेश सही है या नहीं। फिर टीम संदेश को फैलाएगी, ताकि यह सभी तक पहुंचे और उनमें से प्रत्येक जो मदद करने के लिए तैयार हैं, उनके लिए कुछ दान कर सकें।

संस्थान के छात्रों से कहा गया है कि जुगाड़ जिसका छात्रों ने कई बार इस्तेमाल किया है या करने की सोच रहे हैं, वे अपना आइडिया संस्थान को भेजें। इसपर काफी आइडिया छात्रों ने भेजा है। अब उसमें से बेहतर जुगाड़ आइडिया का चयन कर उसे विकसित किया जाएगा, ताकि इसका लाभ आम लोगों को भी मिल सके। -प्रो. अजीत कुमार, आइआइटी आइएसएम

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