IIT ISM : जुगाड़ तकनीक को व्यापक बनाने के लिए छात्रों से मांगा आइडिया, जानें क्या-क्या मिल रहे सुझाव
IIT ISM Dhanbad ने छात्रों से जुगाड़ का आइडिया मांगा है। यदि उस जुगाड़ का असर व्यापक होगा तो संस्थान उसे और बेहतर बनाएगा और तकनीक के रूप में विकसित कर आम लोगों तक पहुंचाएगा।
धनबाद, जेएनएन। बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट का क्लाईमेक्स सीन याद है। इंजीनियरिंग के छात्र रैंचो ने डीन वायरस की बेटी की डिलीवरी कराने के लिए वैक्यूम क्लीनर की मदद से एक प्रेशर यंत्र बनाया था। रैंचो ने जिंदगी बचाने के लिए जुगाड़ का सहारा लिया था। काबिल बनने का मंत्र सिखाने वाली इस फिल्म के क्लाइमेक्स सीन को अब हकीकत में रीमेक किया जाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'जुगाड़ तकनीक' की। हमारे देश में जुगाड शब्द बड़ा प्रचिलित है। यू समझ लीजिए कि यहां लोग 10 मिनट की बातचीत के दौरान तो 2-4 मिनट तो अपने जुगाड़ के बारे में ही बताते हैं कि मैंने ऐसे किया, वैसे किया। अजी हम तो जुगाडू हैं। कुछ न कुछ कर ही लेते हैं और अब तो स्वभाव सा बन गया हैं जुगाड़ करना।
ऐसे में अब आइआइटी आइएसएम धनबाद इस जुगाड़ का तकनीक से गठबंधन कराएगा। जिस किसी भी काम के लिए अब तक छात्रों ने जुगाड़ का उपयोग किया है अब उसे हकीकत में बदला जाएगा। दरअसल, आइएसएम ने संस्थान के छात्रों को एक सुनहरा मौका देने जा रहा है, जिसके तहत छात्रों से कि जुगाड़ का आइडिया मांगा गया है। यदि उस जुगाड़ का असर व्यापक होगा तो संस्थान उसे और बेहतर बनाएगा और तकनीक के रूप में विकसित कर आम लोगों तक पहुंचाएगा। वहीं, जुगाड़ से संबंधित कई छात्रों ने अपना आइडिया ऑनलाइन भेजा है। जिस पर संस्थान मंथन कर रहा है कि कौन सा जुगाड़ आइडिया ऐसा है जिसे तराशा जा सके।
कुछ आइडिया जो छात्रों ने भेजा है :
संस्थान के छात्रों से कहा गया है कि जुगाड़ जिसका छात्रों ने कई बार इस्तेमाल किया है या करने की सोच रहे हैं, वे अपना आइडिया संस्थान को भेजें। इसपर काफी आइडिया छात्रों ने भेजा है। अब उसमें से बेहतर जुगाड़ आइडिया का चयन कर उसे विकसित किया जाएगा, ताकि इसका लाभ आम लोगों को भी मिल सके। -प्रो. अजीत कुमार, आइआइटी आइएसएम।