धनबाद की स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था की सेहत सुधारने के लिए आज हजारीबाग में बैठक, सुविधाएं बढ़ाने पर जोर

धनबाद के सरकारी अस्‍पतालों की व्‍यवस्‍था और स्वास्थ्य विभाग की सेहत सुधारने को लेकर हजारीबाग में आज प्रमंडलीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित हो रही है। बैठक में धनबाद के सिविल सर्जन डॉक्‍टर आलोक विश्वकर्मा सहित विभाग के कई वरीय अधिकारी शामिल हो रहे हैं।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Thu, 18 Aug 2022 09:51 AM (IST) Updated:Thu, 18 Aug 2022 09:51 AM (IST)
धनबाद की स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था की सेहत सुधारने के लिए आज हजारीबाग में बैठक, सुविधाएं बढ़ाने पर जोर
उम्मीद जताई गई है चिकित्सा क्षेत्र में धनबाद को सरकार की ओर से और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद के सरकारी अस्‍पतालों की व्‍यवस्‍था और स्वास्थ्य विभाग की सेहत सुधारने को लेकर हजारीबाग में आज प्रमंडलीय समीक्षात्मक बैठक आयोजित हो रही है। बैठक में धनबाद के सिविल सर्जन डॉक्‍टर आलोक विश्वकर्मा सहित विभाग के कई वरीय अधिकारी शामिल हो रहे हैं। धनबाद में डॉक्टरों की कमी, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, जरूरी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि सभी मुद्दों पर बातचीत होगी। क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रसार पदाधिकारी की निगरानी में होने वाली बैठक को लेकर जिले के अधिकारियों ने भी तैयारी की है। यह उम्मीद जताई गई है चिकित्सा क्षेत्र में धनबाद को सरकार की ओर से और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

जननी शिशु सुरक्षा योजना समेत अन्य योजनाओं पर गहन चर्चा

फिलहाल सभी सरकारी केंद्रों में गर्भवती माताओं के लिए जननी शिशु सुरक्षा योजना का लक्ष्य बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। वर्तमान में धनबाद में लगभग 80 प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में इसे 100 प्रतिशत तक कराने के लिए अधिकारी आगे की तैयारी करेंगे। सिविल सर्जन डॉक्‍टर आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान कई सरकारी स्वास्थ्य योजनाएं प्रभावित थी, लेकिन अब संक्रमण का डर कम होने के कारण योजनाओं में तेजी लाई जा रही है। धनबाद में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर चिकित्सकीय सेवा मिले, इसके लिए विभाग प्रयासरत है।

125 स्वीकृत पद की जगह धनबाद में मात्र 63 डॉक्टर दे रहे सेवा

धनबाद के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में 125 डाक्टरों के पद स्वीकृत किए गए हैं। इसके विरुद्ध फिलहाल 63 डॉक्टर ही सेवा दे रहे हैं। बाकी सारे पद खाली पड़े हैं। सिविल सर्जन कार्यालय में ही एसीएमओ का पद पिछले 4 वर्षों से खाली पड़ा है। वहीं जिला मलेरिया पदाधिकारी, जिला पीसीपीएनडीटी एक्ट, जिला यक्ष्मा रोग निवारण पदाधिकारी के पद भी फिलहाल खाली चल रहे हैं।

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