कई वर्ष बाद भी उच्च विद्यालय भवन का नहीं हुआ निर्माण, लाखों रुपये का गबन

शिक्षा विभाग झरिया अंचल दो के फंड से उत्क्रमित उच्च विद्यालय में भवन निर्माण कार्य में ठेकेदार की ओर से लापरवाही व लाखों रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:16 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:16 PM (IST)
कई वर्ष बाद भी उच्च विद्यालय भवन का नहीं हुआ निर्माण, लाखों रुपये का गबन
कई वर्ष बाद भी उच्च विद्यालय भवन का नहीं हुआ निर्माण, लाखों रुपये का गबन

जामाडोबा : शिक्षा विभाग झरिया अंचल दो के फंड से उत्क्रमित उच्च विद्यालय में भवन निर्माण कार्य में ठेकेदार की ओर से लापरवाही व लाखों रुपये गबन करने का मामला प्रकाश में आया है। उत्क्रमित उच्च विद्यालय जामाडोबा वाटर बोर्ड कालोनी जीतपुर के प्राचार्य सतीश सिंह ने भागाबांध ओपी में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई है। प्राचार्य ने कहा कि वर्ष 2016 में 26 लाख की राशि ठेकेदार परवेज खान को चेक के माध्यम से कई किस्तों में भुगतान किया गया।

इसके बाद ठेकेदार ने पांच सौ बोरी सीमेंट खरीदवाकर विद्यालय में रख दिया। जबकि छत ढ़लाई के लिए लोहे का राड बंधा हुआ है। बरसात में यह जंग लग चुका है। बार-बार ठेकेदार को फोन करने पर टालमटोल किया जाता है। यह पूरी तरह से सरकारी राशि का दुरुपयोग है। प्राचार्य ने बताया कि उक्त योजना 62 लाख की थी। इसका काम रांची के उर्मिला कंस्ट्रक्शन को मिला। यह कंपनी पूर्व सांसद रविन्द्र पांडेय की बहू के नाम पर था। 2018 में काम में गड़बड़ी को देखते हुए सर्व शिक्षा अभियान विभाग की ओर से समय पर काम नहीं पूरा होने पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। फिर 2019 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत 26 लाख रुपये राशि प्राप्त हुआ। हीरापुर के रहने वाले परवेज आलम खान से 12 नवंबर 2019 को इकरारनामा हुआ कि नौ माह के अंदर कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। जेई उमेश सिंह की मौजूदगी में कई किस्तों में लगभग 26 लाख रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन सामाग्री खरीदकर विद्यालय में रख दिया गया। ठेकेदार की ओर से अभी तक कार्य पूरा नहीं किया गया है। कहा कि यही हाल उत्क्रमित उच्च विद्यालय सिदरी बस्ती व उत्क्रमित उच्च विद्यालय भौंरा का है। अभी तक किसी शिक्षक की ओर से हमें लिखित शिकायत नहीं की गई है। फिर भी तीनों विद्यालय के कार्य को लेकर जांच कर कार्रवाई करेंगे।

- प्रबला खेस, डीइओ धनबाद ।

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