झारखंड के बड़े बिजली उपभोक्ताओं को साधने में जुटा डीवीसी, जेबीवीएनएल को लगेगा राजस्व का झटका

बोकारो रेलवे जेवीवीएनएल को छोड़कर डीवीसी से बिजली लेने के लिए काम कर रहा है। रेलवे के हटने के बाद प्रत्येक माह लगभग 20 से 25 लाख रुपये राजस्व की क्षति जेवीवीएनएल को होने वाली है। श्याम स्टील ने जेवीवीएनएल व डीवीसी दोनों के पास बिजली के लिए आवेदन दिया।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 10:28 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 10:28 AM (IST)
झारखंड के बड़े बिजली उपभोक्ताओं को साधने में जुटा डीवीसी, जेबीवीएनएल को लगेगा राजस्व का झटका
बड़े उपभोक्ताओं की तलाश में डीवीसी ( प्रतीकात्मक फोटो)।

बीके पाण्डेय, बोकारो। दामोदर वैली कारपोरेशन केवल अपने पैसे की वसूली के लिए ही बिजली की कटौती नहीं कर रहा, बल्कि झारखंड विद्युत वितरण निगम को चौतरफा घाटा भी पहुंचा रहा है। एक ओर जहां धीरे-धीरे झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बड़े ग्राहक कम हो रहे हैं, तो दूसरी ओर डीवीसी इसके ग्राहकों को तोडऩे में लगा है। बीते पांच वर्षों में तीस से अधिक बोकारो औद्योगिक क्षेत्र के ग्राहकों को डीवीसी ने अपने पाले में कर लिया है। जहां जेवीवीएनएल के पांच वर्ष पूर्व १०० से अधिक एचटी ग्राहक थे, वहीं दो दर्जन नये उद्योग खुलने के बाद भी अब यह संख्या घटकर ८४ हो गई है। जबकि बियाडा में डीवीसी के पास एक भी ग्राहक नहीं था। वहां आज डीवीसी के पास तीस से अधिक ग्राहक हो गए हैं। इस कड़ी में एक नया नाम बोकारो रेलवे का जुडऩे जा रहा है।

बोकारो रेलवे जेवीवीएनएल को छोड़कर डीवीसी से बिजली लेने के लिए काम कर रहा है। रेलवे के हटने के बाद प्रत्येक माह लगभग २० से २५ लाख रुपये राजस्व की क्षति जेवीवीएनएल को होने वाली है।  यही नहीं हाल ही में बोकारो औद्योगिक क्षेत्र में श्याम स्टील ने जेवीवीएनएल व डीवीसी दोनों के पास बिजली के लिए आवेदन दिया। लेकिन इस बीच डीवीसी ने कंपनी को अपना ग्राहक बना लिया है। सूत्रों की माने तो धीरे-धीरे डीवीसी जेवीवीएनएल के ग्राहकों को तोडऩे में लगा है। जेवीवीएनएल के ग्राहकों को सस्ती व चौबीस घंटे बिजली देने की बात कहकर अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस मामले में जेवीवीएनएल के अधिकारी संशय में हैं।

महंगी बिजली व बिजली कटौती से हो रहा है घाटा

बिजली का उपयोग करने वाले उद्यमियों का कहना है कि जेवीवीएनएल में फिक्स सरचार्ज लिया जाता है इस वजह से उसकी बिजली डीवीसी से महंगी हो जाती है। जबकि डीवीसी जिस दर पर झारखंड सरकार को बिजली बेच रहा है, लगभग उसी दर पर छोटे उपभोक्ताओं को दे रहा है। इस वजह से छोटे उद्यमी भी धीरे-धीरे डीवीसी की बिजली लेने के फिराक में हैं। पहले डीवीसी ने पांच मेगावाट की शर्त रखी थी। अब वह सीमा समाप्त कर दी गई है। एचटी उपभोक्ताओं को उनके उपयोग के अनुसार बिजली दे रहा है।

जैनामोड़ ग्रिड चालू होने से सुधर सकती है व्यवस्था

बोकारो के जैनामोड़ में बने पावर ग्रिड से बिजली आपूर्ति चालू नहीं होने के पीछे वन विभाग का एनओसी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जैनामोड़ ग्रिड का चालू होना अत्यंत जरूरी है। चूंकि एक बड़े ग्राहक के रूप में एक वर्ष बाद डालमिया भारत सीमेंट प्लांट लगाएगा। कंपनी के संचालन के लिए २३ एमवीए बिजली की जरूरत होगी। चूंकि राज्य सरकार कंपनी की स्थापना के लिए सबकुछ उपलब्ध करा रही है। समय रहते यदि उसे जेवीवीएनएल अपना ग्राहक बनाता है तो विभाग को बड़ा फायदा होगा। वरना डीवीसी अपने पाले में कर लेता है तो इतने बड़े ग्रिड के निर्माण की प्रासंगिकता समाप्त हो जाएगी।

एचटी उपभोक्ताओं के मद में बिजली कटौती से राजस्व हानि

अक्टूबर २०२१ : ४.०९ करोड़

नवंबर २०२१ : ३.६३ करोड़

दिसंबर २०२१ : ३.६६ करोड़

अनियमित विद्युत आपूर्ति के कारण उपभोक्ता तो परेशान हैं ही, विभाग की भी परेशानी है। वे दूसरे आपूर्तिकर्ता कंपनी की ओर जाने को उत्सुक हैं। एचटी उपभोक्ताओं के कम होने से विभाग के राजस्व संतुलन पर असर पड़ेगा।

-रणधीर कुमार, सहायक अभियंता विद्युत

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