Dhanbad: पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं 13 अक्टूबर को करेगी करवा चौथ का व्रत... यहां देखें पूजा व‍िध‍ि

अखंड सुहाग का व्रत करवा चौथ 13 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा। अखंड सौभाग्य की कामना लेकर महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेगी और शाम में भगवान शिव माता पार्वती और सिद्धिविनायक की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपनी-अपनी पति की सुख समृद्धि के लिए कामना करेंगी।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 07 Oct 2022 04:28 PM (IST) Updated:Fri, 07 Oct 2022 04:28 PM (IST)
Dhanbad: पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं 13 अक्टूबर को करेगी करवा चौथ का व्रत... यहां देखें पूजा व‍िध‍ि
अखंड सुहाग का व्रत करवा चौथ 13 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, धनबादः अखंड सुहाग का व्रत करवा चौथ 13 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा। अखंड सौभाग्य की कामना लेकर महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखेगी और शाम में भगवान शिव, माता पार्वती और सिद्धिविनायक की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर अपनी-अपनी पति की सुख समृद्धि के लिए कामना करेंगी। चांद का दीदार करते हुए चंद्रमा का अर्ध्य अर्पण के साथ करवा चौथ का यह अनुष्ठान पूरा होगा। करवा चौथ को लेकर घरों में विशेष प्रकार की तैयारी की जा रही है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर सुहागीनें पूजा में शामिल होगी। शहर के कई स्थानों और मंदिरों में करवा चौथ का कार्यक्रम व कथा किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी शक्ति मंदिर में सुहागिनों के लिए सामूहिक कथा का आयोजन किया जाएगा

कपड़े से लेकर मेहंदी डिजाइन तक की बढ़ी मांग

करवा चौथ को लेकर कपड़ों से लेकर मेहंदी डिजाइन तक हर तरह से इसकी तैयारी महिलाएं कर रही है। महिलाओं ऐसे तो सजने सवरने का मौका छोड़ती नहीं है और यह तो करवा चौथ का पर्व है। लेकिन इस पर में सबसे ज्यादा महत्व पूजा सामग्री यानी पूजा की थाली की होती है। इस वर्ष में भगवान गणेश और शिव पार्वती की पूजा का विधान है। अलग-अलग क्षेत्रों में मान्यता और परंपरा के अनुसार ही पूजा होती है।

निर्जला उपवास रखकर सुनी जाती है करवा चौथ की कथा

भुईफोड़ मंदिर के पुजारी सुभाष पांडेय के अनुसार करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले भगवान गणेश, शिव पार्वती और करवा माता की कथा सुनी जाती है। पुजारी या घर के बड़े बुजुर्ग इस कथा के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हैं। महिलाएं मंदिरों और घरों में करवा कथा सुनती है इसके बाद रात्रि के समय विधि विधान से पूजा अर्चना कर जल अर्पण करती है। और अपने पति के लिए सुख समृद्धि की कामना करती है।

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