निजाम कोल की माैत के लिए काैन जिम्मेदार ? पोषण सखी उर्मिला ने खोल दी झारखंड के सिस्टम की पोल

उर्मिला देवी ने बताया कि पति की स्थिति काफी खराब हो गई थी। निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। वही मानदेय के लिए कई बार प्रखंड और जिला स्तर के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। लेकिन इसका कोई भी असर अभी तक नहीं हुआ।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 03:57 PM (IST)
निजाम कोल की माैत के लिए काैन जिम्मेदार ? पोषण सखी उर्मिला ने खोल दी झारखंड के सिस्टम की पोल
बीमार पति के साथ पोषण सखी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। आंगनबाड़ी में कार्यरत पोषण सखियों को विगत 10 महीने से मानदेय नहीं मिला है। मानदेय नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति खराब है। यह आर्थिक तंगी पोषण सखियों के परिवार में जाने लेने लगी है। गिरिडीह के तारा गांव निवासी पोषण सखी उर्मिला देवी के 38 वर्षीय पति निजाम कोल की मौत शनिवार दोपहर इलाज के दौरान धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कॉलेज एवं अस्पताल ( SNMMCH) में हो गई। मानदेय नहीं मिलने से घर की माली स्थिति बेहद खराब हो गई थी। पिछले 2 महीने से उसकी तबीयत खराब हो रही थी। इलाज के लिए पैसे घर में नहीं थे। आर्थिक हालत इतनी खराब कि पति का शव धनबाद से गिरिडीह ले जाने के लिए भी पोषण सखी के पास पैसे नहीं थे। पोषण सखी कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष डिंपल चौबे, प्रदेश अध्यक्ष अंजनी कुमारी पासवान, प्रदेश महासचिव पार्वती सोरेन, उपाध्यक्ष भारती कुमारी सूचना मिलने के बाद  अस्पताल पहुंचे। शव को भिजवाने की व्यवस्था की। 

10 महीने से मानदेय नहीं मिलने से खराब हो गई है स्थिति

उर्मिला देवी ने बताया कि पति की स्थिति काफी खराब हो गई थी। निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। वही मानदेय के लिए कई बार प्रखंड और जिला स्तर के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की। लेकिन इसका कोई भी असर अभी तक नहीं हुआ। कुछ को पैसे मिल जाने से अपने पति का इलाज सही से करवा पाती। उर्मिला देवी सर आप अपने तीन बच्चों की जिम्मेवारी भी बढ़ गई है। बेटा रोहित, बेटी खुशबू व पूजा है।

पोषण सखियों पर सरकार का ध्यान नहीं

डिंपल चौबे ने बताया कि वह सब सखियों को 10 महीने से मानदेय सरकार नहीं दे रही। मानदेय, नौकरी स्थाई करने सहित अन्य मांगों को लेकर विगत कई महीनों से पोषण सखियां आंदोलन कर रही है। लेकिन अभी तक सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं गया है। मानदेय नहीं मिलने की वजह से घर की माली स्थिति खराब हो रही है। धनबाद में विभिन्न जनप्रतिनिधियों से पोषण सभी ने मुलाकात की, इसके बाद भी अभी तक कोई ठोस पहल नहीं निकाला जा सका है।

chat bot
आपका साथी