ERIL non banking fraud: 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में 6 साल बाद पुलिस ने की कार्रवाई, चार गिरफ्तार

एरिल के सीएमडी के भाग जाने के बाद एजेंट अरविंद ने सरायढेला थाने में 20 मार्च 2014 को एफआईआर दर्ज कराई थी। यह मामला काफी लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ था। अब कार्रवाई हुई है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 12:19 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 05:48 PM (IST)
ERIL non banking fraud: 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में 6 साल बाद पुलिस ने की कार्रवाई, चार गिरफ्तार
ERIL non banking fraud: 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में 6 साल बाद पुलिस ने की कार्रवाई, चार गिरफ्तार

धनबाद, जेएनएन। एरिल नन बैंकिंग धोखाधड़ी मामले में पिछले छह साल से फरार चल रहे चार अभिकर्ताओं को सरायढेला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनकी गिरफ्तारी गोविंदपुर और भौंरा से हुई है। इनमें अख्तर खान, संजय ओझा, रमेशचंद्र दत्ता और तनवीर आलम शामिल हैं। चारों को जेल भी भेज दिया गया। वर्ष 2014 में 24 परगना पश्चिम बंगाल के अरविंद प्रसाद ने छह लोगों के खिलाफ नन बैकिंग के नाम पर 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। सरायढेला पुलिस ने छह को प्राथमिक और 22 अन्य को अप्राथमिक अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। अरविंद अभिकर्ता के रूप में इस कंपनी में काम करता था।

छह साल बाद पुलिस ने की कार्रवाई 

बताते चलें कि नन-बैंकिंग कंपनी एरिल ने कम समय में रकम दोगुना करने के नाम पर कई लोगों से करोड़ों रुपए का निवेश कराया था। मेच्योरिटी पूरी होने पर जब निवेशक रुपये वापस लेने पहुंचने लगे, तो कंपनी के सीएमडी विप्लव और निदेशक कृष्णा नंदू घोष सरायढेला के अपने कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गए। एजेंट अरविंद ने सरायढेला थाने में 20 मार्च 2014 को दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। यह मामला काफी लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ था। नए एसएसपी अखिलेश बी वारियर ने यहां योगदान देने के बाद पुराने सभी मामलों की समीक्षा की। मामले के अनुसंधानकर्ता सहायक अवर निरीक्षक उमाशंकर सिंह को हटाकर वर्तमान सरायढेला थाना प्रभारी किशोर तिर्की को 26 जून को जिम्मेवारी सौंपी। अनुसंधान का काम मिलते ही तिर्की ने एक टीम गठित कर अभिकर्ताओं की खोज शुरू कर दी। टीम में तिर्की के अलावा सब इंस्पेक्टर विशाल खालको, मुकेश पंडित, इफ्तिकार अहमद, सच्चिदानंद राय, गुड्डू सिंह और शस्त्र बल को शामिल किया गया। टीम ने एक साथ जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के भौंरा और गोविंदपुर में छापामारी की। इसी कड़ी में चारों को गिरफ्तार किया गया। 

असम की जेल में सीएमडी

एरिल कंपनी के सीएमडी विप्लव और निदेशक कृष्णा नंदू घोष धनबाद से फरार हो गए थे, लेकिन पश्चिम बंगाल और असम में भी इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज थी। यहां से फरार होने के बाद विप्लव नगालैंड चला गया था और वहां से असम आया था, जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। विप्लव को रिमांड पर लेने की तैयारी पुलिस कर रही है। 

असम जाएगी सरायढेला थाना पुलिस

दस मामले में कुल 28 लोग अभियुक्त बनाए गए हैं। इनमें से अब तक कुल सात लोगों को सरायढेला पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि, सीईओ विप्लव के असम की जेल में होने की सूचना है। अन्य की गिरफ्तारी करने और मामले का पूर्ण उद्भेदन करने के लिए पुलिस असम और पश्चिम बंगाल भी जाएगी। 

chat bot
आपका साथी