दोषियों को दंडित करें हुजूर, परीक्षा रद न करें

डीजीएमएस में प्रथम श्रेणी प्रमाण पत्र के लिए परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने शनिवार को खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक को पत्र लिख कर परीक्षा रद न करने की गुहार लगाई है। तकरीबन 52 अभ्यर्थियों ने स्वयं को प्रमाण पत्र के योग्य सही उम्मीदवार बताते हुए कहा है कि 18 अप्रैल को सीबीआई के छापे ने उनके भविष्य को अधर में डाल दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 06:15 AM (IST)
दोषियों को दंडित करें हुजूर, परीक्षा रद न करें
दोषियों को दंडित करें हुजूर, परीक्षा रद न करें

जागरण संवाददाता, धनबाद : डीजीएमएस में प्रथम श्रेणी प्रमाण पत्र के लिए परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने शनिवार को खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक को पत्र लिख कर परीक्षा रद न करने की गुहार लगाई है। तकरीबन 52 अभ्यर्थियों ने स्वयं को प्रमाण पत्र के योग्य सही उम्मीदवार बताते हुए कहा है कि 18 अप्रैल को सीबीआई के छापे ने उनके भविष्य को अधर में डाल दिया है। इस घटना में डीडीजी स्तर के अधिकारी ने 48 लोगों से गलत तरीके से परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसे लिए हैं। ऐसा आरोप में बताया गया है। पत्र लिखने वाले अभ्यर्थियों ने इस घटना में संलग्न सभी लोगों को महानिदेशालय दंडित करने की मांग करते हुए स्वयं जैसे वास्तविक अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र से साथ पास करने की मांग की है। कहा है कि ऐसा न हुआ तो हजारों अन्य अभ्यर्थियों का भी भविष्य दांव पर लग जाएगा। पत्र की प्रतिलिपि कोयला सचिव, केंद्रीय श्रम एवं नियोजन सचिव व सीबीआइ निदेशक के सचिव को भी भेजा गया है।

यह है चिता की वजह : ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर जारी गतिरोध की वजह से डीजीएमएस की ओर से पात्रता परीक्षाओं का आयोजन पांच वर्षों तक लटका रहा। अंतिम परीक्षा वर्ष 2016 में ली गई थी। अदालत के निर्णय के बाद इसी वर्ष यह परीक्षा आयोजित की गई थी। यदि यह

परीक्षा भी कानूनी अड़चनों की वजह से रद हुई तो पिछले पांच वर्षों में अपना समय बिता चुके अभ्यर्थियों की तरह इन अभ्यर्थियों का भी भविष्य दांव पर लग जाएगा। लिहाजा अभ्यर्थी चाहते हैं कि दोषी 48 अभ्यर्थियों व अधिकारियों को ही दंडित किया जाए और प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी प्रबंधकों, कोयला अथवा धातु खदानों, रिस्ट्रिक्टेड, अनरिस्ट्रिक्टेड सभी तरह के संवर्गों के दोषियों को दंडित कर वास्तविक योग्य अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाए।

इन्होंने की मांग : मांग करने वालों में शुभजीत हलदर, अनंद प्रसाद, सुदर्शन रथ, कृष्णा चेटीवाल, जीतेंद्र कुमार राठौर, सिद्धार्थ सिंह, अभिमन्यु नगरीगम, विकास कुमार, रवींद्र कुमार राम, महेश टिवाडे, अवनीश कुमार, मनीष बर्नवाल, प्रोवाकर बिस्वास, कुमार अभिषेक, प्रिस कुमार, सोनू कुमार झा, करुणाकर कोंपाल्ली, रविशंकर आजाद, सौरव अग्रवाल, कपिल कुमार, रोहित ठाकुर, अजयंत दुबे, संजीव कुमार, शशांक कुमार, उज्ज्वल अभिषेक, देशराज मीणा, रवि रंजन, आशीष कुमार झा, कृष्ण मोहन, नवीन कुमार, नंद किशोर, अभिषेक गौतम, सिद्धार्थ रॉय, अभिषेक कुमार, सत्य प्रकाश, चंद्रमोहन गुप्ता, सुजीत कुमार, कुदिरे अनिल कुमार, रितेश पांडे, विक्रांत कुमार, आकाश कुमार, चंद्रकांत वालडे, राजीव गुप्ता, अशोक उप्परि, कौशिकर करण, मणिकांत, गौरव कुमार, अखिल गुन्नला व आशुतोष बघेल समेत अन्य शामिल हैं।

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