Neeraj Singh murder case trial: अनुसंधान में झोल ही झोल, आइओ बोले-संजीव नहींं चला रहे थे गोली

नीरज सिंह हत्या कांड में अनुसंधानकर्ता निरजन तिवारी की 16 दिन तक चले प्रतिपरीक्षण के बाद उनकी गवाही पूरी हो गई है। जिरह के दाैरान तिवारी ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं दे पाए।

By Edited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 05:35 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 08:21 AM (IST)
Neeraj Singh murder case trial: अनुसंधान में झोल ही झोल, आइओ बोले-संजीव नहींं चला रहे थे गोली
Neeraj Singh murder case trial: अनुसंधान में झोल ही झोल, आइओ बोले-संजीव नहींं चला रहे थे गोली

धनबाद, जेएनएन। राकेश व अनिल ने अपने बयान में मुझे नहीं बताया था कि संजीव सिंह को घटनास्थल पर उसने देखा था और ना ही उसने यह कहा था कि संजीव सिंह गाड़ी पर गोली चला रहे थे। राकेश ने अपने बयान में नहीं कहा था कि नीरज सिंह के साथ उसका अंगरक्षक आदित्य था। अभिषेक सिंह ने अपने बयान में नहीं कहा था कि ट्रेड यूनियन पर नीरज सिंह की पकड़ से संजीव सिंह भयभीत रहते थे। उक्त बातें मंगलवार को धनबाद के चर्चित नीरज हत्याकाड में गवाही देते हुए काड केअनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की अदालत में कही।

लगातार 16 दिन तक चले प्रतिपरीक्षण के बाद मंगलवार को उनकी गवाही पूरी हो गई। लोक अभियोजक बीडी पांडेय ने गवाह पेश करने हेतु समय की प्रार्थना की। अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए अगली तारीख निर्धारित की है।

थाना प्रभारी को नहीं बनाया गवाह : इसके पूर्व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं के सवालों का जवाब देते हुए अनुसंधानकर्ता ने कहा कि अरविंद कुमार थाना प्रभारी के द्वारा रामअहलाद राय के घर को खुलवाकर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति एवं फॉरेंसिक टीम उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया गया था। मैंने उक्त आशय का अनुरोध वरीय पदाधिकारी से नहीं किया था। अरविंद कुमार इस केस के गवाह नहीं हैं। राम अहलाद राय ने लिखित आवेदन दिया था कि घर में रहने वाला व्यक्ति ने अपना नाम मुन्नाजी बताया था उनके साथ तीन चार लड़के रहते थे।

जारी हुआ था हमलावरों का स्केच : बचाव पक्ष की ओर से दैनिक जागरण अखबार में प्रकाशित अपराधियों के हुलिया का स्कैच दिखाकर पूछे जाने पर कि इसे पुलिस ने मीडिया को जारी किया था। अनुसंधानकर्ता ने कहा कि मैंने राम अहलाद राय के बताए अनुसार अभियुक्त के चेहरे का स्केच बनाया था। जिसे मीडिया में सर्कुलेट किया गया था। अनुसंधानकर्ता ने कहा कि यह कहना गलत है कि हम लोगों के द्वारा जारी स्केच का हुलिया किसी से नहीं मिलता इसलिए उसे हमने कोर्ट से छुपा लिया। 

नहीं हुआ हथियार बरामद:  घटनास्थल से बरामद दो खोखा को छोड़कर बाकी सब पर नाइन एमकेएफ लिखा हुआ था। अगर देशी बंदूक होगा तो 9 एमएम की गोली उसमें व्यवहार में लाया जा सकता है। इस मुकदमा में कोई भी हथियार बरामद नहीं हुआ है।

नीरज की किस-किस से दुश्मनी थी पता नहीं लगाया : आइओ ने कहा कि मैं नहीं जानता धनबाद में कितने ट्रेड यूनियन हैं। बालू घाट की आउटसोर्सिंग केलिए टेंडर होता है शराब के लिए भी टेंडर होता है। उसमें पुलिस प्रतिनियुक्त होती है। मैं नहीं जानता कि इसमें प्रतिस्पर्धा है कि नहीं। मैंने पता नहीं लगाया कि टेंडर को लेकर नीरज सिंह की और किसी से दुश्मनी थी या नहीं। मुझे नहीं पता कि एकलव्य सिंह पर बहुत सारे केस हैं तथा उनको जिला बदर किया गया था।

किसी ने नहीं बताया कि आदित्य रघुकुल में रहता है : आइओ ने कहा कि अनुसंधान के क्रम में कई बार रघुकुल गया था पर किसी भी गवाह ने नहीं कहा कि आदित्य राज रघुकुल में निवास करता है। किसी ने उसका कमरा नहीं दिखाया।

नहीं चला इंडीवर गाड़ी का पता : आदित्य ने गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं बताया था। जिस इंडीवर गाड़ी से नीरज को एकलव्य सेंट्रल अस्पताल ले गये थे उस गाड़ी का अनुसंधान के क्रम में कोई सबूत नहीं मिला। गिरफ्तारी से पूर्व सूचना स्पीकर को नहीं दी थी: एकलव्य ने घटना की सूचना में देरी का कोई कारण नहीं बताया था। मैंने विधानसभा स्पीकर को विधायक संजीव सिंह की गिरफ्तारी की सूचना गिरफ्तारी से पूर्व नहीं दी थी।

अनिल सिंह का मैंने बयान लिया था: उसने नहीं बोला था कि वह स्टील गेट रुई दुकान में तकिया बनवाने गया था। एकलव्य सिंह ने बयान नहीं दिया था कि आदित्य राज के दाहिने हाथ पर ध्यान गया। उसके हाथ में गोली लगी हुई थी। मुंह पर शीशे का टुकड़ा लगा हुआ था। उसने बयान नहीं दिया था कि थोड़ी देर बाद वहा पर सूचना मिली कि घोल्टू व मुन्ना तथा अशोक की मौत हो गई है।

रिंकू की पेशी, नहीं आया गवाह : इस मामले के आरोपित कथित शूटर सप्लायर रिंकू सिंह को कड़ी सुरक्षा में पेश किया गया। अभियोजन आज कोई गवाह पेश नहीं कर सका अदालत ने गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए अगली तारीख निर्धारित की है।

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