Corona Alert: कोरोना से लड़ने के लिए धनबाद में PPE की सप्लाई शुरू, सेंट्रल अस्पताल में हर शिफ्ट चाहिए 60 किट

बीसीसीएल ने अब तक तीन आइसोलेशन सेंटर बनाया है। केंद्रीय अस्पताल में 30 बेड जेलगोड़ा हॉस्पिटल में 20 व बाघमारा स्थित क्षेत्रीय हॉस्पिटल में 20 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 12:25 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 12:25 PM (IST)
Corona Alert: कोरोना से लड़ने के लिए धनबाद में PPE की सप्लाई शुरू, सेंट्रल अस्पताल में हर शिफ्ट चाहिए 60 किट
Corona Alert: कोरोना से लड़ने के लिए धनबाद में PPE की सप्लाई शुरू, सेंट्रल अस्पताल में हर शिफ्ट चाहिए 60 किट

धनबाद, जेएनएन। हालांकि अब तक झारखंड और धनबाद में कोरोना का कोई भी मरीज सामने नहीं आया है। लेकिन, संदिग्ध मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सावधानी बरतते हुए झारखंड के बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की बारीकी से मेडिकल जांच की जा रही है। इस काम में लगे हुए डॉक्टर और स्टॉफ डरे हुए हैं। क्योंकि सभी अस्पतालों में PPE किट उपलब्ध नहीं थी। अब इसकी सप्लाई शुरू हुई है। धनबाद के सेंट्रल अस्पताल और पीएमसीएच को किट की खेप पहुंचनी शुरू हो गई है। अब यहां के डॉक्टर निर्भिक होकर मरीजों की जांच कर सकेंगे। PPE किट पहनकर ही डॉक्टर कोरोना मरीज की जांच और इलाज करते हैं। इसके पहनने से डॉक्टर और स्टॉफ कोरोना मरीजो के संपर्क में आने के बावजूद संक्रमित नहीं होंगे। 

कोरोना से जंग को बीसीसीएल प्रबंधन जो भी दावे कर रही हो लेकिन अभी भी केंद्रीय अस्पताल पूरी तरह इसके लिए तैयार नहीं है। वजह है जरूरी उपकरणों का अभी तक नहीं मिल पाना। जरूरी सेवाएं होने की वजह से लॉक डाउन में भी जहां लोग घरों में दुबके पड़े हैं, बीसीसीएल के मजदूर दिन रात कोयला खनन में लगे हुए हैं। यूं खनन के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है बावजूद उत्पादन कार्य की पेंचीदगियों की वजह से हर जगह सोशल डिस्टेंस बनाए रखना संभव नहीं। ऐसे में यदि कोई कर्मी इस वायरस की चपेट में आया तो वह दिन न सिर्फ कंपनी के कर्मियों बल्कि पूरे जिले के लिए भयावह होगा। वजह यह कि बीसीसीएल धनबाद की सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है। तकरीबन 45 हजार कर्मचारी इसके उत्पादन व उससे जुड़े कार्यों में लगे हुए हैं। लगभग इतने ही कर्मचारी आउटसोॢसंग के जरिए भी कोयला उत्खनन में लगे हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए कंपनी ने हर जगह भीड़भाड़ कम करने के निर्देश दिए हैं। तीन जगह आइसोलेशन सेंटर भी बनवाए हैं। लेकिन इन आइसोलेशन वार्डों में कार्यरत चिकित्सक व कर्मियों के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) की आपूॢत अभी तक नहीं हो सकी है। कंपनी ने 5000 पीपीई के ऑर्डर दिए थे लेकिन ताजा सूचना के मुताबिक अभी तक मात्र 200 पीपीई ही मिले हैं। यह मात्र एक बार उपयोग के लायक ही होते हैं। 

बीसीसीएल ने बनाए तीन आइसोलेशन केंद्र

बीसीसीएल ने अब तक तीन आइसोलेशन सेंटर बनाया है। इनमें केंद्रीय अस्पताल में 30 बेड, जेलगोड़ा हॉस्पिटल में 20 व बाघमारा स्थित क्षेत्रीय हॉस्पिटल में 20 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। हालांकि ऐसे सभी अस्पतालों को भीड़भाड़ हटाने को कह दिया गया है। इसके तहत कुछ ही जरूरी ओपीडी सेवा व इमरजेंसी सेवा बहाल है। अधिकांश छोटी-मोटी बीमारियों से जूझ रहे रोगियों को छुट्टी दे दी गई है। डिलीवरी केस व अत्यंत गंभीर मामलों को छोड़ नए रोगियों की भर्ती नहीं ली जा रही है। केंद्रीय अस्पताल लगभग खाली हो चुका है। कुछ पेसेंट बचे हैं उन्हें भी एक-दो दिनों में हटा दिया जाना है। अस्पताल के डॉ. कृष्णा बताते हैं कि यदि कोई संदिग्ध यहां लाया गया तो पूरे अस्पताल को अन्य रोगियों से मुक्त कर दिया जाना है। ऐसे में पूरा अस्पताल लगभग आइसोलेशन सेंटर ही बनकर रह जाएगा। 

एक शिफ्ट में चाहिए 60 पीपीई

डॉ. कृष्णा के मुताबिक एक अस्पताल में एक शिफ्ट में लगभग 60 पीपीई चाहिए। यह पीपीई एक बार उपयोग के लायक ही है। उसके बाद उसे नष्ट कर दिया जाना है। प्रतिदिन तीन शिफ्ट में काम होना है। ऐसे में प्रबंधन ने लगभग 5000 पीपीई का ऑर्डर दिया है। इसकी आपूॢत बुधवार तक ही हो जानी चाहिए थी लेकिन अभी तक नहीं हो सकी है। डॉ. कृष्णा के मुताबिक इसका इस्तेमाल कोरोना जैसी ही गंभीर महामारी में होता है। चूंकि केंद्रीय अस्पताल धनबाद में इस तरह के रोगों का उपचार फिलहाल नहीं हो रहा लिहाजा स्टॉक में एक भी उपलब्ध नहीं है।

200 पीपीई का खेप मिला है

केंद्रीय अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि पीपीई की पहली खेप मिल चुकी है। तकरीबन 200 पीपीई आ चुका है। जेजे इंटरप्राइजेज को इसकी आपूॢत करनी थी। पहले इसका इस्तेमाल इस इलाके में नहीं होता था। अब एकबारगी काफी मांग होने की वजह से आपूॢत में समस्या आ रही है। कम मात्रा में उपकरण मिल रहा है और देर भी हो रही है। उन्होंने कहा कि पीपीई मिल भी जाए तो यहां सिर्फ मरीजों को आइसोलेट ही किया जा सकेगा। जो पीपीई मिल रहा है उन्हीं से अन्य दो आइसोलेशन वार्ड की भी जरूरतें पूरी करनी होगी। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही तीनों आइसोलेशन सेंटर उपकरणों से लैस हो। 

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