Ram Mandir Bhumi Pujan : विवादित ढांचा फिर न बने इसलिए ईंट ही उखाड़ लाए थे कारसेवक, तब से पूजाघर में करते हैं पूजा

Ram Mandir Bhumi Pujan श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन से धनबाद के कारसेवकों में उत्साह चरम पर है। विवादित ढांचा ध्वंस में धनबाद के कारसेवकों की अग्रणी भूमिका रही थी।

By Edited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 10:21 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 01:26 AM (IST)
Ram Mandir Bhumi Pujan : विवादित ढांचा फिर न बने इसलिए ईंट ही उखाड़ लाए थे कारसेवक, तब से पूजाघर में करते हैं पूजा
Ram Mandir Bhumi Pujan : विवादित ढांचा फिर न बने इसलिए ईंट ही उखाड़ लाए थे कारसेवक, तब से पूजाघर में करते हैं पूजा

धनबाद, जेएनएन। Ram Mandir Bhumi Pujan बुधवार को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन  होगा। इसे लेकर धनबाद के कारसेवकों में उत्साह चरम पर है। विवादित ढांचा ध्वंस में धनबाद के कारसेवकों की अग्रणी भूमिका रही थी। 1992 में बजरंग दल के जिला संयोजक रहे कपिलदेव पांडेय आज भी उस पल को याद कर रोमांचित हो उठते हैं। पांडेय एक जत्थे का नेतृत्व करते हुए अयोध्या गए और लौटे तो साथ में ध्वस्त मस्जिद की ईंट भी साथ ले आए।

लाउड स्पीकर से हुई घोषणा, ईंट लेकर लौटें कारसेवक : कपिलदेव पांडेय के मुताबिक विवादित ढांचा ध्वस्त होने की सूचना जैसे ही प्रसारित हुई केंद्र सरकार ने घोषणा की कि वे उन्हीं ईंटों से वहां फिर ढांचा बनवाएंगी। इसके बाद लाउडस्पीकर पर घोषणा की गई कि कारसेवक एक-एक ईंट लेकर वहां से निकलें। उद्देश्य यह था कि न पुरानी ईंटें बचेंगी न सरकार वहां फिर कोई ढांचा खड़ी कर पाएगी। उनके साथ गए कारसेवकों ने भी ईंटें उठा लीं। कई ने रास्ते में फेंक दिया, लेकिन वे साथ उठा लाए। उसे पूजाघर में रखा है। पांडेय कहते हैं ईंट भले मस्जिद की हो लेकिन है तो जन्मभूमि की निशानी।

तीन महीने नहीं जा सके घर : कोल माइंस प्राविडेट फंड के कर्मचारी रहे पांडेय लौटे तो घर पर पुलिस का पहरा था। वे तीन महीने घर नहीं लौट सके। स्वयंसेवकों के साथ भूली व अन्य ठिकानों पर छुपते रहे। इस दौरान सस्पेंड भी हुए। बाद में सब शांत हुआ तो लौटे और नौकरी भी बहाल हुई।

महिलाओं ने भी दिखाई बहादुरी : कपिलदेव के मुताबिक काफी संख्या में महिलाएं भी अयोध्या पहुंचीं थीं। धनबाद की एक महिला तो तीन महीने की बच्ची के साथ कारसेवा में पहुंच गई थीं। लौटते समय केरल की महिलाएं उनके बोगी में थीं। एक जगह ट्रेन पर पथराव हुआ तो उन्होंने जवाब में अपने साथ लाए विवादित ढ़ांचे के मलबे व ईंटों से ही जवाबी हमला कर दिया।

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