Coal India के इतिहास में जमीन के नीचे काम करने वाली पहली महिला माइनिंग इंजीनियर बनी आकांक्षा
कोल इंडिया में पहली महिला माइनिंग इंजीनियरिंग बनने का इतिहास सिंदरी बीआईटी से पढ़ी छात्रा ने रख दिया है। उसे कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड के चुरी कोलियरी में काम करने का मौका मिला है।
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आशीष अंबष्ठ, धनबाद: कोल इंडिया में पहली महिला माइनिंग इंजीनियरिंग बनने का इतिहास सिंदरी बीआईटी से पढ़ी छात्रा ने रख दिया है। उसे कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड के चुरी कोलियरी में काम करने का मौका मिला है। इसको लेकर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी अपने ट्वीट कर कहा है कि यह कोल इंडिया के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि किसी महिला कर्मियों को खदान में काम करने का मौका मिला है। वह भी भूमिगत खदानों में । सीसीएल को अपनी पहली महिला खनन इंजीनियर, आकांक्षा कुमारी मिली। बीआईटी सिंदरी से स्नातक, कुमारी ने चुरी यूजी खदान, एनके क्षेत्र में शामिल होकर लिंग बाधाओं को तोड़ दिया। वह सीआईएल के इतिहास में भूमिगत खदानों में काम करने वाली पहली महिला खनन इंजीनियर बनी।