सेहत से खिलवाड़: खाने में जहर घोल रहे मिलावटघोर, साहिबगंज के नमूने जांच में फेल

खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा सामग्री की जांच के लिए दो अगस्त से सात अगस्त तक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन जिले में था। वाहन में सैंपलों की जांच की भी व्यवस्था थी। सात दिन में सैकड़ों सैंपल की जांच की गई है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 11:33 AM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 11:33 AM (IST)
सेहत से खिलवाड़: खाने में जहर घोल रहे मिलावटघोर, साहिबगंज के नमूने जांच में फेल
खाद्य पदार्थों में मिलावट का जहर ( सांकेतिक फोटो)।

डॉ. प्रणेश, साहिबगंज। जिले में बिकनेवाली मिठाइयों में खाद्य रंग के बदले कपड़ा रंगनेवाले रंग तो उन्हें चमकाने के लिए चांदी वर्क की जगह एल्युमिनियम वर्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। छेना की मिठाइयों व काजू बर्फी में मैदा पाए जा रहे हैं। हल्दी व मशाला में भी खूब मिलावट किया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के दौरान यह बात सामने आयी है। खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा सामग्री की जांच के लिए दो अगस्त से सात अगस्त तक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन जिले में था। वाहन में सैंपलों की जांच की भी व्यवस्था थी। सात दिन में सैकड़ों सैंपल की जांच की गई है। इस दौरान उनमें मिलावट की बात सामने आयी है। फिलहाल लोगों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। दोबारा इस प्रकार का मामला सामने आने के बाद उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

झारखंड में दो मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन

खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच के लिए पूरे राज्य में दो मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन की व्यवस्था है। एक रांची व दूसरा देवघर में रहता है। देवघर को आवंटित वैन को संताल परगना के छह जिलों के अलावा गिरिडीह व बोकारो में जाकर खाद्य पदार्थों की जांच करनी है। पिछले दिनों उपायुक्त रामनिवास यादव ने जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी संजय कुमार को खाद्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया था। इसके बाद देवघर से जागरूकता वाहन को बुलाया गया। दो व तीन अगस्त को अधिकारियों ने साहिबगंज शहरी क्षेत्र के दुकानों का सैंपल लिया तथा उसकी जांच की। चार अगस्त को बरहेट, पांच को मिर्जाचौकी, छह को राजमहल व सात को बरहड़वा में खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच की गई। मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन में चालक के अलावा एक प्रयोगशाला तकनीकी विशेषज्ञ थे जो स्थानीय अधिकारियों की मदद से खाद्य सामग्री का नमूना लेते थे और उसकी जांच करते हैं। जिला से खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी संजय कुमार व कंप्यूटर ऑपरेटर असीत कुमार ने जांच में सहयोग किया।

30 रुपया देकर कोई भी व्यक्ति करा सकता जांच

30 रुपया शुल्क देकर कोई भी व्यक्ति खाद्य पदार्थ की जांच करा सकता है। हालांकि, जागरूकता के अभाव में किसी व्यक्ति ने वैन तक पहुंचकर स्वयं जांच नहीं कराया है। खाद्य सुरक्षा विभाग के कर्मियों ने दुकानों तक पहुंचकर जांच की। पिछले दिनों सदर अस्पताल व जेल में भी खाद्य सामग्रियों की जांच की गई। हालांकि, दोनों जगह पर वहां तैनात कर्मियों ने कई सामान समाप्त होने की बात कही। इस वजह से काफी कम आइटम की ही जांच हो पायी। पांच अगस्त को मंडरो में मिले कुछ शीतल पेय के बोतल पर निर्माण तिथि ही अंकित नहीं थी। उसे खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने नष्ट करा दिया। साहिबगंज में कुछ नामी-गिरामी दुकानों के सैंपल में मिलावट पायी गई है। राजमहल उपकारा में आपूर्ति किए जा रहे मशालों में मिलावट पायी गई।

विगत दो अगस्त से सात अगस्त तक मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन जिले में थी। इस दौरान दर्जनों सैंपल की जांच की गई है। मिठाइयों में कपड़ा रंगनेवाले कलर के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं। मिठाइयों में चांदी वर्क की जगह एल्युमिनियम के वर्क का प्रयोग भी किया जा रहा है। हल्दी व मशाला में भी मिलावट मिला है। सभी को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। आगे ऐसा होने पर नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

-संजय कुमार, जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, साहिबगंज

chat bot
आपका साथी