बेंगलुरु में लगी थी सुदामडीह के युवक की नौकरी, ट्रेन के दरवाजे पर बैठकर सफर कर रहा था, गिरकर हुई मौत

बेंगलुरु जा रहे सुदामडीह रिवर साइड चटाई धौड़ा निवासी राजू राय के इकलौते पुत्र 20 वर्षीय शुभ्रजीत राय की मंगलवार को ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। बुधवार को मृतक का शव सुदामडीह स्थित उसके आवास लाया गया। शव आते ही स्‍वजनों की चीख-चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Thu, 09 Jun 2022 12:00 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jun 2022 12:00 PM (IST)
बेंगलुरु में लगी थी सुदामडीह के युवक की नौकरी, ट्रेन के दरवाजे पर बैठकर सफर कर रहा था, गिरकर हुई मौत
शव का अंतिम संस्कार सुदामडीह रेलवे साइडिंग स्थित दामोदर नदी घाट पर किया गया।

संवाद सहयोगी, चासनाला: निजी कंपनी में नौकरी के लिए बेंगलुरु जा रहे सुदामडीह रिवर साइड, चटाई धौड़ा निवासी राजू राय के इकलौते पुत्र 20 वर्षीय शुभ्रजीत राय की मंगलवार को ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। बुधवार को मृतक का शव सुदामडीह स्थित उसके आवास लाया गया। शव आते ही स्‍वजनों की चीख-चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। शव का अंतिम संस्कार सुदामडीह रेलवे साइडिंग स्थित दामोदर नदी घाट पर किया गया।

घटना के संबंध में मृतक के पिता राजू राय ने बताया कि शुभ्रजीत जमशेदपुर में टेक्निकल इंस्टीट्यूट स्किल ट्रेनिंग के हाॅस्टल में रहकर पिछले तीन माह से प्रशिक्षण ले रहा था। बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में उसकी नौकरी लगी थी। काम पर जाने से पहले वह घर आया हुआ था। बीते दो जून को वह घर से टाटा के लिए निकला। वहां से अपने भूली के दोस्त कुंदन व रेहान के साथ पांच जून को कंपनी के टिकट पर ट्रेन से बेंगलुरु जा रहा था। पांच व छह जून को दो बार बेटे से बात भी हुई, लेकिन शाम छह बजे के बाद उसका कॉल रिसीव ही न‍हीं हुआ। रात 10 बजे उसके टाटा के एक शिक्षक से बात हुई तो उन्‍होंने बताया कि शुभ्रजीत का पता नहीं चल पा रहा है। फिर कुछ देर बाद फोन कर बताया कि आपके बेटे का शव आंध्र प्रदेश के पलासा स्टेशन के समीप मिला है। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसके संस्थान ने शव को एंबुलेंस से सुदामडीह पहुंचाया।

कहा था- मैं दुनिया देखना चाहता हूं, पर दुनिया ही छोड़ गया

मृतक के पिता ने कहा कि कई बार बेटे को इतनी दूर बेंगलुरु जाने से मना किया था, लेकिन शुभ्रजीत ने आखिरी बार यही कहा था कि पापा घर की हालत ठीक नहीं है। वहां कुछ सीखने व बनने को मिलेगा। मैं दुनिया देखना चाहता हूं, लेकिन उससे पहले ही हमारी दुनिया उजड़ गई।

ट्रेन के दरवाजे पर बैठा था, शायद नींद आ गई उसे

मृतक के पिता ने बताया कि ट्रेन में सफर के दौरान शुभ्रजीत ट्रेन के दरवाजे पर बैठा हुआ था। शायद बैठे-बैठे उसे नींद आ गई, जिससे वह ट्रेन से बाहर गिर गया और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। शुभ्रजीत की मां की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। पिता राजू राय पश्चिम बंगाल के रुकनी में सिक्योरिटी गार्ड में काम करते हैं। उनके घर की माली हालात ठीक नहीं है। मृतक की तीन बहनें भी हैं। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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