जिले के 4651 शिक्षक हो जाएंगे प्रशिक्षित

धनबाद : 31 मार्च 2019 के बाद जिले के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के 4651 अप्रशिक्षित शिक्षक प्रश्ि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 06:27 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jan 2019 06:27 AM (IST)
जिले के 4651 शिक्षक हो जाएंगे प्रशिक्षित
जिले के 4651 शिक्षक हो जाएंगे प्रशिक्षित

धनबाद : 31 मार्च 2019 के बाद जिले के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के 4651 अप्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित हो जाएंगे। रविवार को अप्रशिक्षित शिक्षकों का अंतिम क्लास एनआईओएस के द्वारा बनाए गए स्टडी सेंटर पर हुआ। इस दौरान स्टडी सेंटर इंडियन पब्लिक स्कूल करकेंद बाज़ार में डीएलएड प्रशिक्षुओं के विदाई समारोह का आयोजन किया गया। द्वितीय एवं अंतिम वर्ष के लिए कार्यशाला आधारित गतिविधियों पर क्लास कराया गया। इंडियन पब्लिक स्कूल में डीएलएड का प्रशिक्षण कार्यक्रम शीत अवकाश के दिनों में कक्षाओं का संचालन किया जा रहा था, जिसके तहत डीएलएड करने वाले सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों का अंतिम वर्ष का प्रशिक्षण पूरा हो गया। इस विदाई समारोह में सुपरवाइज़र व वरिष्ठ दिवंगत शिक्षक डीएस ओझा की स्मृति में मौन धारण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। डीएलएड प्रशिक्षुओं के रूप में विभिन्न स्कूलों के प्राचायरें में अमरेंद्र झा, संतोष गोस्वामी, अखिलेश सिंह, शहज़ादा हुसैन को भी सम्मानित किया गया। मौके पर राघवेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण देने का काम तो एनआईओएस का है, लेकिन माध्यम आईपीएस ही रहा। अधिकाश लोग इस उम्र दराज़ी में विद्यार्थी का रूप निभाना अपने आप में रोचक बात थी। प्रशिक्षु शिक्षकों ने इस कार्यक्रम में अपनी खट्टी-मीठी यादों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि एनआईओएस ने एक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म दिया, जिसमें हमें बहुत कुछ सीखने को मिला। सेंटर के समन्वयक संजय चौबे ने बताया कि सभी प्रशिक्षु शिक्षक नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। प्रशिक्षित शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण देने के लिए तैयार हो चुके हैं। आईपीएसए करकेन्द प्रशिक्षण संस्थान के मेंटर सचिन शौण्डिक ने बताया कि प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए एनआईओएस ने अपने 54 दिनों की कक्षा में सभी को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। कार्यक्रम को रिसोर्स पर्सन मो. ग़ुलाम ग़ौस ने भी संबोधित किया। इस मौक़े पर पुष्पा कुमारी, अभिनन्दन कुमार, हेमन्त पासवान देवयंती यादव ने भी अपना सराहनीय योगदान दिया।

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