राजगंज में 14 वर्षीया नाबालिग की गांववालों ने जबरन करा दी शादी

धनबाद 14 वर्षीया नाबालिग की गांववालों ने जबरन शादी करा दी। घटना राजगंज के एक चर्चित पंचायत की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 06:55 AM (IST) Updated:Sat, 18 May 2019 06:55 AM (IST)
राजगंज में 14 वर्षीया नाबालिग की गांववालों ने जबरन करा दी शादी
राजगंज में 14 वर्षीया नाबालिग की गांववालों ने जबरन करा दी शादी

धनबाद : 14 वर्षीया नाबालिग की गांववालों ने जबरन शादी करा दी। घटना राजगंज के एक चर्चित पंचायत की है। शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा किशोरी के मामा घर आया था। वहां से दोनों रहस्यमय ढंग से गायब हो गए हैं। मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के पास पहुंचने पर गांव के मुखिया से घटना की जानकारी ली गई। उन्हें मंगलवार को हाजिर होने का आदेश दिया गया है।

इस बारे में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष दिए गए बयान में किशोरी की मां ने बताया कि नौ मई को वह घर से बाहर गई थी। लौटने पर पाया कि उनकी बेटी की शादी जबरन पड़ोस के गांव के आदिवासी युवक से करायी जा रही है। बेटी के पास जाने की कोशिश करने पर उन्हें गांववालों ने पकड़ लिया। उस वक्त तक पकड़े रखा जब तक शादी पूरी न हो गई हो। शादी के बाद लड़का उसे अपने साथ ले गया, फिर दूसरे दिन दोनों किशोरी के मामा घर आए और वहां से लापता हो गये। बयान में राजगंज थाना में शिकायत दर्ज कराने की भी जानकारी दी गई। इस बारे में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य देवेंद्र शर्मा ने कहा कि मामला गंभीर है और गांव के मुखिया से इस पर पूछताछ की जाएगी। मौके पर धनंजय प्रसाद महतो, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, आनंद कुमार, विश्वंभर पोद्दार व अन्य उपस्थित थे।

किशोरी का पिता दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद

जिस नाबालिग किशोरी की शादी गांववालों ने जबरन करा दी है, उसके पिता दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद हैं।

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मानव तस्करों ने दिल्ली में किया सौदा, चकमा देकर भाग निकली दो किशोरी

- एक पश्चिम बंगाल व दूसरी ओडिशा की रहने वाली, रास्ता भटक कर पहुंची धनबाद

धनबाद : मानव तस्करों के चुंगल से बचकर दो किशोरी धनबाद पहुंच गई है। दोनों दिल्ली में काम कर रही थी, जहां मौका पाते ही भाग निकली। जान बचाने के लिए जो ट्रेन मिला उस पर सवार हो गई। धनबाद पहुंची किशोरियों को रेलवे चाइल्ड लाइन की टीम ने स्टेशन पर भटकते देखा। इसके बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी लाई गई। एक पश्चिम बंगाल और दूसरी ओडिशा के राउरकेला की रहने वाली है।

अपने बयान में राउरकेला की किशोरी ने बताया कि उसके घर में काफी गरीबी है। वहां के दुर्गा नाम के शख्स ने बताया था कि दिल्ली में वह काम करता है। अगर साथ चलेगी तो काम दिला देगा। वह झांसे में आ गई और दिल्ली चली गई। वहां सुभाष नाम के व्यक्ति ने दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में काम दिला दिया। महीनों काम करने के बाद मुखर्जी नगर में शिफ्ट करा दिया गया। वहीं, उसकी मुलाकात दूसरी किशोरी से हुई। उसे पश्चिम बंगाल से नेपाली महिला कंचन दिल्ली लेकर आई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें घर में कैद कर रखा जाता था। घर से बाहर झांकने की भी अनुमति नहीं थी। शनिवार को घर के लोग मंदिर गए थे, तभी मौका पाकर दोनों भाग निकली। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के निर्देश पर फिलहाल काउंसलिंग के बाद उन्हें बालिका गृह में भेज दिया गया।

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