Jharkhand: ओमान में फंसे 13 प्रवासी मजदूरों की हुई वतनी वापसी, सरकार से परिजन नाराज

परिजनों ने कर्ज लेकर रुपये ओमान भेजे। इसके बाद ही नया वीजा बनाकर व टिकट कटाकर सभी वापस लौट सके। केंद्र और राज्य सरकार की इस संवेदनहीनता को लेकर मजदूर और उनके परिजन नाराज हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 04 Mar 2020 04:37 PM (IST) Updated:Wed, 04 Mar 2020 04:37 PM (IST)
Jharkhand: ओमान में फंसे 13 प्रवासी मजदूरों की हुई वतनी वापसी, सरकार से परिजन नाराज
Jharkhand: ओमान में फंसे 13 प्रवासी मजदूरों की हुई वतनी वापसी, सरकार से परिजन नाराज

गिरिडीह, जेएनएन। रोजगार की तलाश में ओमान जाकर चक्रव्यूह में फंसे 30 मजदूरों में 13 की सकुशल घर वापसी हो गई है। इनमें 11 गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले हैं जबकि एक-एक कोडरमा एवं हजारीबाग जिले के। चार अन्य मजदूरों की सुरक्षित वतन वापसी गुरुवार को होगी। इन मजदूरों की वापसी के लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं की गई। परिजनों ने कर्ज लेकर रुपये ओमान भेजे। इसके बाद ही नया वीजा बनाकर व टिकट कटाकर ये वापस लौट सके। केंद्र और राज्य सरकार की इस संवेदनहीनता को लेकर मजदूर और उनके परिजन नाराज हैं। बगोदर के बेको निवासी संतोष महतो ने बताया कि उनका भाई चंद्रिका महतो एवं भतीजा टेकलाल महतो की बुधवार को घर वापसी हुई। कर्ज लेकर रुपए भेजने के बाद ही वापसी संभव हो सकी है। 

ओमान में पिछले सात महीने से झारखंड के गिरिडीह, बोकारो, कोडरमा और हजारीबाग जिले के रहने वाले 30 मजदूर फंसे हुए थे। केंद्र और राज्य सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई थी। बुधवार को 13 मजदूर विमान से रांची पहुंचे। इसके बाद अपने-अपने घर। इन 13 मजदूरों में से 11 मजदूर गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के हैं जबकि एक-एक मजदूर कोडरमा एवं हजारीबाग जिले के हैं। वतन वापसी पर इन्हें लेने बगोदर के संतोष महतो एवं प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली रांची गए थे। सभी ओमान से रांची में फ्लाइट से उतरे थे। परिजनों से मिलते ही इन मजदूरों की आंखें छलक उठी थी। रांची से सभी सीधे बगोदर अपने घर के लिए निकल गए। 

जिन मजदूरों की वतन वापसी हुई है उनमें बगोदर प्रखंड के माहुरी के खुबलाल पासवान, बेको के चंद्रिका महतो व उनके भतीजे टेकलाल महतो, मुंडरो के सोहनलाल महतो, प्रदीप महतो, डुमरडेली के डुमरचंद महतो, तुकतुको के नर्मल महतो, सोहन महतो, औरा के राजेश महतो एवं कोडरमा जिले के महेंद्र सिंह व विष्णुगढ़ के राजेन्द्र महतो शामिल हैं। वहीं गुरूवार को बगोदर प्रखंड के बेको के संतोष महतो व अजय महतो तथा हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड के बलकमका गांव निवासी रामचंद्र महतो एवं उदयपुर के जगदीश महतो शामिल हैं। सिकंदर अली ने बताया कि वर्ष 2017 में एजेंट के माध्यम से ये मजदूर काम करने ओमान गए थे। दो साल तक सब ठीक रहा। अभी सात माह पूर्व इनका वीजा खत्म हो गया था। वीजा खत्म होते ही कंपनी ने इन्हें दूसरे ठेकेदार के यहां काम पर लगा दिया था। यह ठेकेदार पिछले सात महीने से इन्हें वेतन नहीं दे रहा था। भोजन पर भी आफत था। वापसी के लिए टिकट एवं जुर्माना जमा करने के लिए पैसे नहीं थे।

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