जान देंगे पर नहीं देंगे जमीन

देवघर : मोहनपुर के रढि़या पंचायत में चार हजार मेगावाट के पावर प्लांट की स्थापना होनी ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 07:34 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 07:34 PM (IST)
जान देंगे पर नहीं देंगे जमीन
जान देंगे पर नहीं देंगे जमीन

देवघर : मोहनपुर के रढि़या पंचायत में चार हजार मेगावाट के पावर प्लांट की स्थापना होनी है। 2200 एकड़ की आवश्यकता वाले इस प्रोजेक्ट में तकरीबन 1700 एकड़ सरकारी एवं वन भूमि को प्रशासन ने चिह्नित किया है। कुछ रैयत जमीन देने को भी राजी हो गए हैं। गुरुवार को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन एवं अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट के अधिकारियों की टीम चांदन नदी के पार प्रस्तावित पिपरा गांव नहीं जा सकी। ग्रामीणों ने रिखिया-पिपरा सड़क मार्ग को सुबह से ही अवरूद्ध कर रखा था। गांव वालों को यह पता था कि केंद्रीय टीम यहां आएगी। क्योंकि यह उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था। इसलिए 14 गांव पिपरा, तिलैया, मचना, कंघरा, बैजूडीह, गजंडा, बेजूबसार, जीतमहला, झगरूडीह, रक्सा, रमनथिया, सिरसिया, अंबातरी, सलैया गांव के सैकड़ों महिला-पुरुष गांव जाने के तीनों रास्ते को जाम कर दिया। टीम किसी भी रास्ते से नहीं जाए इसके लिए चांदन नदी के पार के सारे रास्ते को बंद कर दिया गया था। ग्रामीण परंपरागत हथियार से लैस थे। हाथ में तख्ती लिए ग्रामीण जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे के नारे लगा रहे थे। पिपरा के आदिम जनजाति एवं आदिवासियों का कहना है कि सरकार उन्हें रहने के लिए जमीन का पट्टा दिया है। वह जंगल में तसर की खेती करते हैं। यही उनके जीविकोपार्जन का साधन है। सरकार एक तरफ बसाती है तो दूसरी तरफ उजाड़ने पर लगी है। नदी के उस पार जहां ग्रामीणों का जुटान था वहां एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव, रिखिया थाना प्रभारी, मोहनपुर थाना प्रभारी एवं सदर इंस्पेक्टर एक सौ सुरक्षा बलों के साथ तैनात थे। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। उनके समझाने के कारण ही ग्रामीण आगे नहीं बढ़े। गांव वालों का कहना था कि यदि उनके साथ जबरदस्ती की जाएगी कि तो जमकर विरोध करेंगे।

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