हड़ताल ही मजदूर अधिकारों की रक्षा का विकल्प

चितरा कोयला उद्योग में 26 नवंबर की प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को लेकर रविवार को संयुक्त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 05:10 PM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 05:10 PM (IST)
हड़ताल ही मजदूर अधिकारों की रक्षा का विकल्प
हड़ताल ही मजदूर अधिकारों की रक्षा का विकल्प

चितरा : कोयला उद्योग में 26 नवंबर की प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को लेकर रविवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के नेताओं ने वर्कशॉप गेट पर सभा की। नेताओं ने कहा कि कोयला मजदूरों के हित की रक्षा के लिए अब हड़ताल ही एकमात्र विकल्प रह गया है।

26 नवंबर की आहूत हड़ताल में सभी शामिल होकर इसे सफल बनाएं। इसी से हमारे अधिकारों की रक्षा हो सकती है अन्यथा केंद्र सरकार मनमानी करने से बाज नहीं आएगी। वह कानून हम सभी कोयला कर्मियों पर थोपती रहेगी। इससे हमारे अधिकार सीमित होते जाएंगे। हमें जो सुविधाएं मिलती रही है। वह घटती जाएगी। सभा में पशुपति कोल, कृष्णा सिंह, रामदेव सिंह, बलदेव महतो, संतोष यादव व अन्य ने कहा कि श्रम कानून में संशोधन, कॉमर्शियल माइनिग, कोयला खदानों का निजीकरण, कोल इंडिया के विघटन की साजिश समेत कई मुद्दों को लेकर कोयला उद्योग के कर्मी कई माह से आंदोलन की राह पर हैं। प्रदर्शन के दौरान पूरे कोयला जगत के कामगारों व कोयला यूनियन प्रतिनिधियों की तरफ से देश के प्रधानमंत्री कार्यालय को मांग पत्र सौंपकर सरकार की मजदूर विरोधी नीति से अवगत करा चुके हैं। परंतु सरकार ने हमारी मांगों पर कोई गौर अब तक नहीं फरमाया। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय श्रम संगठन के नेताओं ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया। संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के प्रस्तावित इस देशव्यापी हड़ताल में कोयला उद्योग के सभी कामगार शामिल होकर इसे सफल बनाने की ठान चुके हैं। ऐसे में हम सभी यहां पर शामिल होकर और हड़ताल को सफल बनाएं। लक्ष्मण दास, सुकर रजक, धीरेंद्र चंद्र, सुधीर सिंह, प्रभु दास समेत दर्जनों लोग सभा में शामिल थे।

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