बिजली संशोधन विधेयक वापस लिए जाने की मांग

गीता मंडल ने कहा कि महेन्द्र ¨सह जन नायक थे वे शोषण दमन गरीबों पर हो रहे अत्याचार के लिए लड़ते रहे। उनकी बात को सांमती पचा नहीं पाए और साजिश के तहत उनकी हत्या करवा दी गई। उनके सपनों को साकार करने के लिए आंदोलन जारी रहेगा।

By Edited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 12:01 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 03:21 PM (IST)
बिजली संशोधन विधेयक वापस लिए जाने की मांग
मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय पर धऱना-प्रदर्शन करते भाकपा माले नेता और समर्थक।

संवाद सहयोगी, मोहनपुर : भाकपा माले द्वारा शनिवार को प्रखंड मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया। इस दौरान महेन्द्र ¨सह के शहादत दिवस पर उन्हें याद किया गया। साथ ही किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को भी श्रद्धांजली दी गई। मौके पर दस सूत्री मांग को लेकर एक मांग पत्र अंचल अधिकारी को सौंपा गया। मांग की गई है कि किसान विरोध कानून को वापस लिया जाए। वहीं बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिए जाने की मांग की गई। किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए कानून बनाए जाने, ग्रामीण इलाके में मनमाने ढंग से बिजली बिल दिए जाने, किसानों का बिजली बिल माफ किए जाने की मांग की गई है। साथ ही किसानों का कर्ज माफ करने, विद्यालयों में कार्यरत रसोइया, संयोजिका को सरकारी नौकरी देने, उन्हें पहचान पत्र दिए जाने, रसोइया को 21 हजार मानदेय देने, रसोइया का बकाया मानदेय राशि भुगतान किए जाने, धन क्रय केन्द्र की संख्या बढ़ाए जाने, किसान अपना धान आसानी से बेच पाएं इसकी व्यवस्था करने, कार्यालयों से लाल फिताशाही समाप्त करने व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मांग की गई है। मौके पर गीता मंडल ने कहा कि महेन्द्र ¨सह जन नायक थे, वे शोषण, दमन, गरीबों पर हो रहे अत्याचार के लिए लड़ते रहे। उनकी बात को सांमती पचा नहीं पाए और साजिश के तहत उनकी हत्या करवा दी गई। उनके सपनों को साकार करने के लिए आंदोलन जारी रहेगा। वहीं सहदेव प्रसाद यादव ने मोदी सरकारी को किसान विरोधी सरकारी करार दिया। उन्होंने सरकार से किसान विरोधी कानून वापस लिए जाने की मांग की। मौके पर जयदेव ¨सह, विजय शर्मा, अशोक महतो, अरुण कापरी, नागेश्वर ¨सह, ¨पटू राय आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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