30 लाख का ठंडा रोज गटक रहे लोग

देवघर : बढ़ते तापमान के कारण आम जनता त्रस्त है। पिछले कई दिनों से यहां का तापमान 45 डिग्री से ऊपर दर

By Edited By: Publish:Sun, 24 Apr 2016 01:06 AM (IST) Updated:Sun, 24 Apr 2016 01:06 AM (IST)
30 लाख का ठंडा रोज गटक रहे लोग

देवघर : बढ़ते तापमान के कारण आम जनता त्रस्त है। पिछले कई दिनों से यहां का तापमान 45 डिग्री से ऊपर दर्ज किया जा रहा है। शनिवार को भी अधिकतम तापमान 46.3 दर्ज किया गया। ऐसे में लोग खाना से अधिक पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। इस कारण ठंडा बेचने वाली कंपनियों की चांदी है। जानकारी के मुताबिक देवघर शहर व आसपास के ग्रामीण इलाके में प्रतिदिन औसतन सभी ब्रांड का करीब तीस लाख का ठंडा लोग पी जा रहे हैं। पूरे जिले का फीगर इससे कहीं अधिक होगा। नौबत यह है कि बाजार में माल प्रिंट दर से कहीं अधिक में बिक रहा है। कंपनियां ऑडर को पूरा नहीं कर पा रही।

विक्रेता बताते हैं कि अगर पूरा ऑडर कंपनियां दे दें तो सेल इससे भी कहीं अधिक हो जाएगा। ठंडा के अलावा लस्सी, शर्बत, ठंडा बियर आदि का बाजार अलग है।

खूब बिक रहा एसी, कूलर व फ्रिज: गर्मी का असर यहां के एसी, कूलर व फ्रिज के बाजार पर भी नजर आ रहा है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष गर्मी के मौसम में 1500-1700 पीस एसी, पांच हजार के करीब कूलर और करीब इतना ही फ्रिज विभिन्न कंपनियों का बिक रहा है। यहां भी नौबत ये है कि स्टॉक कम पड़ जा रहा है। एसी लगाने के लिए दुकानदार के पास स्टाफ की कमी हो गई है। इस भीषण गर्मी के कारण इलेक्ट्रॉनिक बाजार में तेजी से उछाल आया है। एक ओर जहां सेल बढ़ने से कंपनियां खुश हैं वहीं आम पब्लिक गर्मी से राहत पाने के लिए एसी व कूलर खरीदने को मजबूर हैं। जिनके पास पैसा है वे एसी ले रहे हैं और कम पैसा वाले कूलर से काम चला रहे हैं।

स्कूली बच्चों का बुरा हाल: देवघर के तापमान में कमी नहीं आ रही है। आसमान से सुबह होने के साथ ही मानो आग बरस रही हो। लोग धूप व गर्मी से परेशान हैं। स्कूल जाने वालों बच्चों का खास तौर पर बहुत बुरा हाल है। इन सबके बीच यहां के तमाम स्कूलों के समय में बदलाव नहीं हुआ है। अभिभावक लगातार छुट्टी के समय को घटाने की चर्चा कर रहे हैं। क्योंकि अभी बच्चों को स्कूल से घर लौटने में 12 से एक बज जा रहा है। उस वक्त धूप व गर्मी अपने चरम पर रहता है। इसका असर इन स्कूली बच्चों पर दिख रहा है और बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। हैरानी की बात है कि इस गंभीर मसले को अब तक जिला प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी छुट्टी का समय घटाने की चर्चा तो कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। वहीं स्कूल वाले प्रशासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि प्रशासन निर्णय लेने पर विचार ही करता रहे और बीच में ही कोई अनहोनी हो जाए।

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