विस अध्यक्ष भी उपलब्ध नहीं करा सके सुविधा

By Edited By: Publish:Fri, 01 Aug 2014 01:02 AM (IST) Updated:Fri, 01 Aug 2014 01:02 AM (IST)
विस अध्यक्ष भी उपलब्ध नहीं करा सके सुविधा

सारठ : आदिवासियों के कल्याण और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार कई योजना चला रही है। बावजूद इसके आदिवासी गांवों में अभी भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। यह सरकार की नीति और उसके क्रियान्वयन के बीच जारी लाल फीताशाही का अनोखा उदाहरण है। ठाढ़ी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव रंगनिया टोला में आज भी मुख्य पथ नहीं है। पांच सौ की आबादीवाले इस गांव के लोगों की बारिश के दिनों में भारी फजीहत होती है। गांव के लोगों को आज तक बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। आसपास के गांवों में बिजली सुविधा बहाल है। गांव में पेयजल के लिए लगे दो में से एक चापाकल खराब है। यहां बच्चे हैं लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र नहीं। गांव के लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं देखा है। यहां टीकाकरण नहीं किया जाता।

लोगों ने कहा

ग्राम प्रधान नुनूलाल टुडू, मोतीलाल मुर्मू, रुपू मरांडी, मोहन मरांडी, सीताराम मरांडी, सेविका सोरेन, मनोज मुर्मू, वीरेंद्र टुडू, राम बास्की, बसंती टुडू आदि ने बताया कि गांव से आठ किमी दूर आंगनबाड़ी केंद्र है। 10 किमी दूर बड़वाद स्वास्थ्य उपकेंद्र है। समस्या समाधान के लिए कई बार विस अध्यक्ष व विधायक शशांक शेखर भोक्ता से आग्रह की गयी। वे महज विस क्षेत्र को मॉडल बनाने का वादा भर करते रहे। हुआ कुछ नहीं।

गांव में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पंचायत समिति की बैठक में मामला उठाया गया। कई बार बीडीओ को इसकी सूचना दी गयी है।

दिलीप भोक्ता

मुखिया

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