दुनिया की 'दाद' पा रहा ये फौलाद, ऐसे शुरू हुआ उत्पादन

बोकारो स्टील के इस्पात से देश में बन रहा पहला स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विक्रात जल्द नौसेना के बेड़े में शामिल होगा।

By Edited By: Publish:Tue, 28 Aug 2018 11:39 AM (IST) Updated:Wed, 29 Aug 2018 02:38 PM (IST)
दुनिया की 'दाद' पा रहा ये फौलाद, ऐसे शुरू हुआ उत्पादन
दुनिया की 'दाद' पा रहा ये फौलाद, ऐसे शुरू हुआ उत्पादन

बोकारो। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की इकाई बोकारो स्टील का उत्पाद आज हर घर की शोभा बना है। पर, यह भी जान लें कि इसी कंपनी में बना फौलाद भारतीय नौसेना की पहली पसंद बन चुका है। बोकारो स्टील के इस्पात से देश में बन रहा पहला स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विक्रात जल्द नौसेना के बेड़े में शामिल होगा। इसको विशेष प्रकार के डीएमआर 249 ए इस्पात से बनाया गया है। जो खारे पानी में भी यथावत रहेगा। इस इस्पात के लिए पहले भारत पड़ोसी देश सोवियत रूस व यूक्रेन पर निर्भर था। पर, आइएनएस विक्रात के निर्माण की सफलता के बाद अब हर स्वदेशी युद्धपोत व जहाज में सेल के इस्पात का उपयोग हो रहा है। प्रति वर्ष नौसेना और आयुध कारखानों को तीन हजार टन विशेष इस्पात की आपूíत बोकारो स्टील से हो रही है।

डीएमआर 249 ए कई विशेषताओं से लैस डीएमआर 249 ए श्रेणी का स्टील है। जो जितना कठोर है उतना लचीला भी। शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस कम ताप पर भी 80 जूल की ताकत का प्रहार सह सकता है। इस फौलाद में मैगनीज, कार्बन और सल्फर की मात्रा कम करके निकल की मात्रा बढ़ाई गई। साथ ही वेनेडियम, नियोबियम, मोलिब्डेनम, क्रोमियम जैसे तत्व मिलाए गए। इसकी प्लेट बनाकर हीट ट्रीटमेंट दिया गया। महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसका वजन कम होता है। जो किसी भी विमानवाहक पोत के लिए जरूरी है।

ऐसे शुरू हुआ देश में उत्पादन : 1999 में भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन ने सेल को 249 ए स्टील बनाने का प्रस्ताव दिया। 2002 में सेल के अभियंताओं ने इसे कड़ी मेहनत कर तैयार कर लिया। राउरकेला व भिलाई में इसका उत्पादन शुरू हुआ। 2009 में आइएएनएस विक्रांत के लिए इसका आर्डर बोकारो स्टील को दिया गया। 2012 में बीएसएल ने डीएमआर 249 ए श्रेणी के इस्पात की आपूíत कर दी। 2013 में बीएसएल के इस्पात से बने आइएनएस विक्रांत का जलावतरण हुआ।

दुनिया का सबसे ताकतवर स्टील डीएमआर 292 ए बना रहा सेल दुनिया का सबसे ताकतवर स्टील डीएमआर 292 ए है। जिसे परमाणु पनडुब्बी के बनाने में प्रयोग किया जाता है। अब इसके उत्पादन का काम चल रहा है।

विशेष प्रकार के इस्पात का उत्पादन देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता है। बीएसएल को जितना आर्डर मिलता है, उसकी आपूर्ति हम कर रहे हैं। आइएनएस विक्रांत के निर्माण में लगे इस्पात का बड़ा हिस्सा बोकारो स्टील ने आपूíत किया था।
-मणिकांत धान, प्रमुख, संचार विभाग, बोकारो।

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