बरवाबेड़ा के विस्थापितों ने खोला मोर्चा

संशोधित : बेरमो पेज की संभावित लीड फोटो : 12 बीईआर 25 - विस्थापित ग्रामीणों ने प्रदर्शन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 10:29 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 10:29 PM (IST)
बरवाबेड़ा के विस्थापितों ने खोला मोर्चा
बरवाबेड़ा के विस्थापितों ने खोला मोर्चा

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फोटो : 12 बीईआर 25

- विस्थापित ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर सौंपा मांग पत्र

- मांगें पूर्री नहीं हुई तो होगा चक्का जाम

- सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा संवाद सहयोगी,

जरीडीह बाजार (बेरमो) : पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बीएंडके प्रक्षेत्र की खासमहल-कोनार परियोजना के विस्थापित गांव बरवाबेड़ा के विस्थापित रैयत संघर्ष समिति की ओर से 16 सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को सीसीएल प्रबंधन के खिलाफ एक्सवेशन परिसर में प्रदर्शन किया और प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा। इसके पूर्व बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरूष, बच्चे, बुजुर्ग सभी ने हाथों में तख्तियां व बैनर लेकर रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। समिति के अध्यक्ष बिलाल हाशमी की अध्यक्षता में वहां नुक्कड़ सभा की गई। प्रदर्शन में कई श्रमिक संगठनों ने भी ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन दिया।

सभा को संबोधित करते हुए साबरा बानो ने कहा कि महिलाएं अबतक चारदीवारी के अंदर थीं, लेकिन तख्तियां, झंडा व डंडा उठाने के लिए उन्हें प्रबंधन ने मजबूर किया है। अपने अधिकार के लिए तबतक संघर्ष करते रहेंगे जब तक उसे प्राप्त नहीं किया जाता। बहुत दिनों तक चुप रहें, अब महिलाएं भी जाग चुकी हैं।

मौके पर आरसीएमएस के क्षेत्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ¨सह ने कहा कि ग्रामीणों की 16 सूत्री मांग के समर्थन में उनका संगठन भी खड़ा है। 27 नवंबर तक सम्मानजनक वार्ता नहीं हुई तो 28 से चक्का जाम आंदोलन शुरू किया जाएगा। कहा कि कुछ श्रमिक संगठन प्रबंधन की दलाली कर रहा है, अब ऐसे नेताओं की दुकानदारी नहीं चलेगी, ग्रामीण जाग चुके हैं।

वहीं विकास ¨सह ने कहा कि 1923 से बरवाबेड़ा की जमीन पर ग्रामीण जोत आबाद कर रहे हैं अब उनकी जमीन को वन भूमि बता कर प्रबंधन यहां के ग्रामीणों को भ्रमित कर रहा है। बरवाबेड़ा के विस्थापितों को अधिकार व रोजगार हरहाल में सीसीएल को देना होगा।

मौके पर एनटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष चेतलाल महतो ने कहा कि लोकल सेल बंद होने से बरवाबेड़ा के मजदूरों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। ग्रामीणों को एक साथ कई मोर्चे पर जूझना पड़ रहा है। वहीं सीटू के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुबोध ¨सह पवार ने कहा कि मांगने से ह़क नहीं मिलेगा तो ग्रामीण इंकलाब कर आवाज बुलंद करेंगे। जबकि सुजीत कुमार घोष व मकसूद आलम ने कहा कि लोकल सेल को बंद कर यहां प्रबंधन ग्रामीणों को पलायन के लिए मजबूर कर रहा है। सभा को विजय भोई, जयनाथ तांती, सर्फुद्दीन, इजहार अहमद सहित दर्जनों मजदूर नेताओं ने संबोधित किया।

इन मांगों को ले उग्र हुए ग्रामीण :

सीसीएल की खासमहल-कोनार परियोजना के विस्तार के लिए भूमि सत्यापन प्रतिवेदन की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, कोल इंडिया से 19 मई 2008 को निर्गत दिशा निर्देश के अनुसार विस्थापितों के साथ न्याय की जाए, बेरमो अंचलाधिकारी कार्यालय से लंबित फाइलों का यथाशीघ्र बोकारो उपायुक्त कार्यालय को भेजा जाए, पूर्व में सत्यापित जमीनों के लिए संबंधित रैयतों के बीच मुआवजा भुगतान की जाए, बरवाबेड़ा के विस्थापितों के पुनर्वास के लिए ठोक कार्ययोजना तैयार करने आदि की मांग शामिल है। ग्रामीणों के विशाल प्रदर्शन को देखेते हुए गांधीनगर पुलिस और बेरमो अंचल प्रशासन की ओर से वहां जिला बल और सीआईएसएफ जवानों की तैनाती की गई थी।

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