निकाय और पंचायत चुनावों को बहिष्कार करने का आह्वान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में सभी अलगाववादी संगठन निकाय और पंचायत चुनावों के बहि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 06:10 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 06:10 PM (IST)
निकाय और पंचायत चुनावों 
को बहिष्कार करने का आह्वान
निकाय और पंचायत चुनावों को बहिष्कार करने का आह्वान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में सभी अलगाववादी संगठन निकाय और पंचायत चुनावों के बहिष्कार के लिए सक्रिय हो गए हैं। अलगाववादियों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने सोमवार को इन चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि आम कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार देने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि कश्मीर में विभिन्न अलगाववादी संगठनों ने अपने देश विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और जेकेएलएफ चेयरमैन यासीन मलिक के संयुक्त नेतृत्व में जेआरएल बनाई है।

गिलानी के साथ मीरवाइज और यासीन मलिक ने उनके घर पर बैठक की, जिसमें कश्मीर के ताजा सियासी हालात, धारा 35-ए और निकट भविष्य में होने वाले निकाय व पंचायत चुनावों को लेकर चर्चा हुई। बैठक के बाद जेआरएल ने बयान जारी कर धारा 35-ए के संरक्षण के लिए लोगों की एकजुटता को सराहते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि राज्य के लोग अपनी विशिष्ट पहचान के संरक्षण को लेकर पूरी तरह संकल्पबद्ध हैं।

जेआरएल ने नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी समेत मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सत्ता के लालची लोगों ने राज्य के हितों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन आम कश्मीरी जाग चुका है।

अलगाववादियों ने कहा कि कश्मीर पर अपने कब्जे को सही साबित करने के लिए केंद्र ने यहां पंचायत और निकाय चुनावों का ड्रामा शुरू किया है। लोगों को कहा जाएगा कि इनका कश्मीर मसले से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन जब चुनाव हो जाएंगे तो नई दिल्ली दुनिया को बताएगी कि आम कश्मीरी ने भारतीय संविधान में आस्था जताते हुए आजादी के नारे को नकार दिया है।

गौरतलब है कि राज्य में निकाय चुनाव वर्ष 2010 और पंचायत चुनाव 2016 में में होने थे, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति के चलते यह चुनाव स्थगित होते रहे। अब निकाय चुनाव अक्टूबर के प्रथम सप्ताह और पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने जा रहे हैं।

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