हुर्रियत नेताओं की हिरासत अवधि बढ़ाने का विरोध

इसके साथ ही एयाज अकबर, फारूक अहमद डार और शाहिद उल इस्लाम की न्यायिक हिरासत की अवधि को एक सितंबर तक बढ़ा दिया गया।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 05 Aug 2017 11:23 AM (IST) Updated:Sat, 05 Aug 2017 11:23 AM (IST)
हुर्रियत नेताओं की हिरासत अवधि बढ़ाने का विरोध
हुर्रियत नेताओं की हिरासत अवधि बढ़ाने का विरोध

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]।  ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों गुटों और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने गिलानी के दामाद अल्ताफ फंतोश व मीरवाईज के प्रवक्ता शाहिद उल इस्लाम समेत सात अलगाववादियों की न्यायिक रिमांड और न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का विरोध किया है। इसके खिलाफ शनिवार को कश्मीर में लोगों से नमाज-ए-जुहर के बाद भारत विरोधी प्रदर्शन का आह्वान किया है।

गौरतलब है कि नईम अहमद खान, पीर सैफुल्लाह, एयाज अकबर, मेहराजुद्दीन कलवाल, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे के अलावा कट्टरपंथी सैय्यद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ अल्ताफ ़फंतोश और मीरवाईज मौलवी उमर फारूक के प्रवक्ता शाहिद उल इस्लाम को गत माह एनआइए ने कश्मीर में अलगाववादी व आतंकी ¨हसा के लिए पाकिस्तानी फंडिग के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

आज एनआइए ने इन सभी को दिल्ली स्थित एक अदालत में पेश किया। अदालत ने मामले का संज्ञान लेते हुए नईम अहमद खान, पीर सैफुल्लाह, अल्ताफ अहमद शाह और मेहराजुद्दीन कलवाल की न्यायिक रिमांड 14अगस्त तक बढ़ा दी है। इसके साथ ही एयाज अकबर, फारूक अहमद डार और शाहिद उल इस्लाम की न्यायिक हिरासत की अवधि को एक सितंबर तक बढ़ा दिया गया।

कट्टरपंथी सैय्यद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारूक और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने शुक्रवार को दिल्ली की अदालत के फैसले पर एतराज जताते हुए कहा कि यह सिर्फ कश्मीरियों की आजादी की तहरीक को बदनाम करने की साजिश है। इसके खिलाफ शनिवार को पूरे कश्मीर में लोग नमाज-ए-जुहर के बाद जमा होकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें।

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