अमरनाथ यात्रा आरंभ होने से पहले एसएएसबी का पुनर्गठन, जाने कौन हैं बोर्ड में शामिल नए 8 सदस्य

श्राइन बोर्ड के अन्य सदस्यों में डा. शैलेश रैना जसलोक अस्पताल मुंबई में यूरोलाजी एंड रेनल ट्रांसप्लांटेशन के अध्यक्ष और निदेशक हैं। मूल रूप से जम्मू कश्मीर के रहने वाले डा. रैना ने जीएमसी जम्मू श्रीनगर में ट्रांसप्लांट की शुरुआत की थी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 22 Mar 2022 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 22 Mar 2022 08:10 AM (IST)
अमरनाथ यात्रा आरंभ होने से पहले एसएएसबी का पुनर्गठन, जाने कौन हैं बोर्ड में शामिल नए 8 सदस्य
अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन एवं सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड का होता है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : श्री अमरनाथ यात्रा से पहले श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन कर दिया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बोर्ड में आठ सदस्यों को शामिल किया है। इसके पहले बोर्ड में 10 सदस्य थे। इसमें से छह सदस्यों को बाहर किया गया है। पिछले बोर्ड के तीन सदस्यों को फिर से जगह मिली है। पांच नए सदस्य बोर्ड में शामिल किए गए हैं। उपराज्यपाल श्राइन बोर्ड के चेयरमैन भी हैं।

श्राइन बोर्ड के पुनर्गठन के बाद इसमें स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, डीसी रैना, कैलाश मेहरा साधु, केएन राय, केएन श्रीवास्तव, पितम्बर लाल गुप्ता, शैलेश रैना और प्रो. विष्णु मूर्ति शास्त्री को शामिल किया गया है। अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन एवं सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड का होता है। बोर्ड ही यात्रा शुरू करने और पंजीकरण का हर फैसला करता है। बोर्ड में अवधेशानंद गिरि, डीसी रैना और प्रो. विष्णु मूर्ति को फिर से जगह मिली है।

बोर्ड के पुनर्गठन में शामिल किए विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु अवधेशानंद गिरि जी महाराज एक राष्ट्रीय हस्ती है। संत, लेखक व दार्शनिक स्वामी अवधेशानंद जलवायु परिर्वतन, विभिन्न वर्गों में आपसी भाईचारे पर बात करते हैं। उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आमंत्रित किया जाता है। वह जूना अखाड़ा के महामंडेलश्वर और समन्वय सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। वहीं, प्रो. विश्व मूर्ति शास्त्री ने अपना जीवन भारत की संस्कृति को बहाल करने और संस्कृत के उत्थान के लिए समर्पित किया है। संस्कृत साहित्य में योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया है।

बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी केएन राय : पूर्व चीफ इंजीनियर एवं डीआरडीओ के रणनीतिक प्रोजेक्ट के सलाहकार केएन राय बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी हैं। वह अपने समय के महान सिविल इंजीनियर रहे हैं, जिनको डीआरडीओ के सभी 50 विशेष प्रतिष्ठानों व लैब की योजना, डिजाइन व निर्माण करने का श्रेय जाता है। डीआरडीओ में जाने पहले राय ने 1969 से लेकर 1988 तक भारतीय सेना कोर आफ इंजीनियर में सेवाएं दीं।

विमानन मंत्रालय में सचिव रहे केएन : केएन श्रीवास्तव साल 1978 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। वह नागरिक विमानन मंत्रालय में सचिव भी रहे हैं। बेंगलुरु मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शुरू करने में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीवास्तव प्रोजेक्ट के पहले प्रबंध निदेशक थे। वह ऐसे अधिकारी है, जिनका चयन आइएफएस, आइआरएस, आइपीएस व आइएएस के लिए हुआ था। साल 2013 में सेवानिवृत्त होने के बाद श्रीवास्तव ने प्रशासनिक सदस्य के रूप में सेवा दीं।

इन सदस्यों के बारे में भी जानें : 

श्राइन बोर्ड के अन्य सदस्यों में डा. शैलेश रैना जसलोक अस्पताल मुंबई में यूरोलाजी एंड रेनल ट्रांसप्लांटेशन के अध्यक्ष और निदेशक हैं। मूल रूप से जम्मू कश्मीर के रहने वाले डा. रैना ने जीएमसी जम्मू श्रीनगर में ट्रांसप्लांट की शुरुआत की थी। वह जम्मू-कश्मीर के उभरते हुए यूरोलाजी के डाक्टरों का परामर्श करते हैं और पारंपरिक व सांस्कृतिक रूप से जम्मू कश्मीर से जुड़े हुए हैं। कैलाश मेहरा साधु ने जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति व भाषा अकादमी में बतौर इंस्ट्रक्टर के रूप में काम किया। वह इस समय मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज में म्यूजिक की प्रोफेसर है। वह पंडित स्वरूप नाथ और पंडित शंभूनाथ सोपोरी की शिष्या हैं। एडवोकेट डीसी रैना जम्मू कश्मीर के एडवोकेट जनरल रहे हैं। वह बार एसोसिएशन जम्मू के प्रधान भी रहे हैं। पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर और आइजीपी पितम्बर लाल गुप्ता सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी हैं। अपनी सेवाओं के दौरान उन्होंने निडर, निष्ठावान पुलिस अधिकारी के तौर पर काम किया और जम्मू-कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने में सहयोग दिया।

श्राइन बोर्ड से बाहर हुए पंडित भजन सोपोरी डा. देवी प्रसाद प्रो. अनीता बिलौरिया डा. सीएम सेठ डा. सुदर्शन कुमार त्रिपता धवन 

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