लोकतंत्र की मजबूती के लिए पंचायत चुनाव अहम

राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Dec 2017 03:02 AM (IST) Updated:Mon, 04 Dec 2017 03:02 AM (IST)
लोकतंत्र की मजबूती के लिए पंचायत चुनाव अहम
लोकतंत्र की मजबूती के लिए पंचायत चुनाव अहम

राज्य ब्यूरो, जम्मू : नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पंचायती चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए पंचायती चुनाव बहुत अहम है।

फारूक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और लोगों को सशक्तबनाने के लिए पंचायतें अहम भूमिका निभाती हैं। शेर-ए-कश्मीर भवन में पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदलाव में भी यह चुनाव अहम है। वर्तमान सरकार जो गलत कर रही है, उसे भी लोग सबक सिखाएंगे। पंचायत राज एक्ट 1989 में संशोधन कर सरपंचों के चुनाव सीधे न करवाने पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि इससे पंचायती सिस्टम कमजोर होगा। पंचायती चुनावों में ग्रामीण स्तर पर लोगों को विकास योजनाएं में भागीदारी का मौका मिलता है। जम्मू-कश्मीर में जो पहले पंचायती राज एक्ट था, उसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। अगर नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आएगी तो फिर से पंचायती राज एक्ट को लोगों के अनुरूप बनाएगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों के घर-घर जाकर उन्हें पंचायती चुनावों में भाग लेने के लिए जागरूक करने को कहा।

फारूक ने लोगों से ईमानदार उम्मीदवारों को जिताने के लिए कहा। इसके साथ ही महिलाओं से 33 फीसद आरक्षण का लाभ उठाकर आगे आने के लिए कहा। भाजपा का नाम लिए बिना उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से धर्म के नाम पर वोट मांगने वालों से सचेत रहने को कहा। फारूक ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल सांप्रदायिक तनाव पैदा कर लोगों को डराते हैं और उनसे वोट मांगते हैं। किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। अगर डरना है तो नफरत की राजनीति से डरो। फारूक ने कहा कि 1947 में हमने मुस्लिम पाकिस्तान के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना। इसीलिए सभी धर्मो का यहां पर आदर व सतकार होना चाहिए।

इस मौके पर फारूक ने शेर-ए-कश्मीर शेख अब्दुल्ला की आत्मकथा आस्था-ए-चिनार के ताजा अंक का विमोचन भी किया।

chat bot
आपका साथी