भूल सुधारने की भीख मांग रहा डीएसपी देविंदर, पूछताछ में गिड़गिड़ाया-बोला- मेरी मति मारी गई थी जो ऐसा कर बैठा

पूछताछ में पता चला है कि आतंकी नवीद का एक भाई चंडीगढ़ में पढ़ रहा है। देविंदर ङ्क्षसह को नवीद व उसके साथियों को किसी तरह चंडीगढ़ पहुंचाना था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 11:03 AM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 11:03 AM (IST)
भूल सुधारने की भीख मांग रहा डीएसपी देविंदर, पूछताछ में गिड़गिड़ाया-बोला- मेरी मति मारी गई थी जो ऐसा कर बैठा
भूल सुधारने की भीख मांग रहा डीएसपी देविंदर, पूछताछ में गिड़गिड़ाया-बोला- मेरी मति मारी गई थी जो ऐसा कर बैठा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। आतंकियों के साथ कार में पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह ने राज उगलना शुरू कर दिए हैं। वह अब अपने बीवी-बच्चों का हवाला देते हुए अपनी भूल सुधारने का मौका मांग रहा है। वह कह रहा है, मेरी मत्त मर गई सी, जो ऐह कित्ता (मेरी मति मारी गई थी, जो ऐसा किया)। उसने श्रीनगर, बडग़ाम और पुलवामा में सक्रिय आतंकियों के विभिन्न ओवरग्राउंड नेटवर्क के बारे में भी बताया है। वहीं, देविंदर के साथ पकड़े गए आतंकी नवीद मुश्ताक ने पूछताछ में बताया है कि अधिकांश आतंकी पुलिस से बचने के लिए सर्दी के दौरान कश्मीर से बाहर का रुख कर लेते हैं, जबकि गर्मी में वह जंगलों में ही रहते हैं। इससे उन्हें आराम करने और नेटवर्क तैयार करने का पूरा मौका भी मिलता है।

निलंबित चल रहे डीएसपी देविंदर सिंह को जम्मू कश्मीर पुलिस ने शनिवार को 10 लाख के इनामी आतंकी नवीद मुश्ताक व उसके दो अन्य साथियों संग पकड़ा था। फिलहाल, इन चारों से दक्षिण कश्मीर में अमनू (कुलगाम) में पूछताछ हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, देविंदर सिंह और हिज्ब के दोनों आतंकियों नवीद व आसिफ के अलावा लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर इरफान शफी मीर से अलग-अलग पूछताछ हो रही है। तीनों के बयानों को दर्ज कर उन्हें आपस में मिलाया जा रहा है। मंगलवार को नवीद और देविंदर सिंह को आमने-सामने बैठाकर भी कुछ सवाल पूछे गए। इरफान शफी मीर को भी देविंदर के सामने लाकर पूछताछ की गई। सूत्रों ने बताया कि देविंदर सिंह ने कई बार अपना बयान बदला है।

वह अक्सर कहता है कि वह आतंकियों का साथ नहीं देना चाहता था। वह उन्हें सरेंडर कराना चाहता था, लेकिन पता नहीं वह कैसे उनका साथ देने लगा। वह कह रहा है कि वह किसी आतंकी हमले की साजिश में शामिल नहीं था, उसने सिर्फ एक दो बार ही आतंकियों की मदद की है और वह भी उन्हें कश्मीर से बाहर ले जाने में। सूत्रों ने बताया कि देविंदर सिंह की संपत्ति, उसके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।

चंडीगढ़ के बाद दिल्ली जाना चाहता था नवीद : पूछताछ में पता चला है कि आतंकी नवीद का एक भाई चंडीगढ़ में पढ़ रहा है। देविंदर सिंह को नवीद व उसके साथियों को किसी तरह चंडीगढ़ पहुंचाना था। नवीद के मां-बाप भी बीते कुछ दिनों से दिल्ली में ही हैं। समझा जा रहा है कि नवीद चंडीगढ़ में कुछ दिन रुकने के बाद दिल्ली जाने वाला था। वह बीते साल भी कुछ दिनों तक जम्मू में अपने मां-बाप से मिलने के लिए देविंदर की मदद से ही रुका था।

नवीद ने दी वित्तीय नेटवर्क की जानकारीः पूछताछ के दौरान नवीद ने कथित तौर पर घाटी में सक्रिय आतंकियों के वित्तीय नेटवर्क के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी पैसा जमा किया जाता है। उसने कथित तौर पर आतंकियों के लिए हथियारों का कूरियर करने वालों के बारे में भी बताया। उसने पुलवामा और शोपियां में आतंकी संगठनों में भर्ती के लिए सक्रिय तत्वों के नाम भी बताए।

देविंदर के अंगरक्षकों से हुई पूछताछ : सूत्रों ने बताया कि देविंदर सिंह के साथ बीते कुछ सालों से बतौर अंगरक्षक तैनात पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की गई है। अलबत्ता, किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। पुलिस ने देविंदर के पीएसओ से पूछताछ से इन्कार किया है।

पाकिस्तान भागने का इरादा तो नहीं था : पूछताछ में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि नवीद, आसिफ और इरफान का कश्मीर से बाहर जाने का असली मकसद चंडीगढ़ या दिल्ली में हमले की तैयारी तो नहीं थी। या फिर वे वहां से पाकिस्तान भागना चाहते थे।

पुलवामा हमले के बारे में भी हो रही पड़ताल : देविंदर सिंह से पुलवामा जिला पुलिस लाइन पर हुए आतंकी हमले से लेकर बीते दो सालों के दौरान पुलवामा जिले में हुए विभिन्न आतंकी हमलों के बारे में भी पूछा जा रहा है। हालांकि, अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। संसद हमले के बारे में भी उससे सवाल किए गए हैं। 

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