जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रशासनिक सुधार-लोक शिकायत विभाग के सहयोग से तैयार किया डैशबोर्ड

मुख्य सचिव ने पर्यटन श्रम रोजगार एवं आवास एवं शहरी विकास विभाग के सचिवों को निर्देश दिया कि वे डाटा दोबारा जमा करें और आईटी सचिव को सही जानकारी दें ताकि केंद्र शासित प्रदेश न केवल केंद्र शासित प्रदेशों में बल्कि राज्यों में भी नंबर एक रैंकिंग प्राप्त कर सके।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 08 Feb 2022 01:43 PM (IST) Updated:Tue, 08 Feb 2022 01:43 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रशासनिक सुधार-लोक शिकायत विभाग के सहयोग से तैयार किया डैशबोर्ड
पहले से तैयार 56 सेवाओं के अलावा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत 130 नई सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर पर ई-एचआरएम, जिला सुशासन की वास्तविक समय निगरानी के लिए डिजिटल पोर्टल और जम्मू-कश्मीर ई-सेवा वितरण की समीक्षा की।

मुख्य सचिव ने सचिव डीएआरपीजी के साथ डैशबोर्ड की रूपरेखा को मंजूरी दी जो सभी जिला विकास आयुक्तों, प्रशासनिक सचिवों और मुख्य सचिव कार्यालय को हर महीने सुधार और परिणामों की जानकारी देगा।

बैठक में बताया गया कि साल में होने वाले बदलाव को मापने के लिए जिला सुशासन सूचकांक की सफलता के बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के सहयोग से 50 मानकों और 140 डेटा के साथ एक डैशबोर्ड विकसित किया है।यह विभिन्न जिलों में महीने में होने वाले परिवर्तन को मापने में मदद करेगा। इससे जिला प्रशासन का अधिक सटीक प्रदर्शन का पता चलेगा।

बैठक में एनआइसी भारत सरकार ने जेके इम्पार्ड द्वारा दिए गए मानकों पर डैशबोर्ड प्रस्तुत किया और यह निर्णय लिया गया कि डीजीजीआई डैशबोर्ड 15 फरवरी तक तैयार हो जाएगा और डीजी इम्पार्ड इसके नोडल अधिकारी होंगे।

एनईएसडीए के तहत हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए, यह बताया गया कि जम्मू-कश्मीर का समग्र स्कोर 75 प्रतिशत है जो केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरे स्थान पर है। जम्मू-कश्मीर ने वित्त, श्रम और रोजगार, शिक्षा, समाज कल्याण, स्थानीय सरकार, पर्यावरण और पर्यटन हर क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

डा. मेहता ने बताया कि पहले से तैयार की गई 56 सेवाओं के अलावा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत 130 नई सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा। इससे कुल संख्या 186 हो जाएगी।

मुख्य सचिव ने पर्यटन, श्रम एवं रोजगार एवं आवास एवं शहरी विकास विभाग के सचिवों को निर्देश दिया कि वे डाटा दोबारा जमा करें और आईटी सचिव को सही जानकारी दें ताकि केंद्र शासित प्रदेश न केवल केंद्र शासित प्रदेशों में बल्कि राज्यों में भी नंबर एक रैंकिंग प्राप्त कर सके।

राज्य के लगभग 4.5 लाख कर्मचारियों के लिए मानव संसाधन डाटा प्रविष्टि के लिए ई-एचआरएमएस के तहत वित्त पोषण के लिए एसआईयू एनआईसी द्वारा 53 करोड़ की एक परियोजना रिपोर्ट पेश की गई। ई-एचआरएमएस परियोजना सरकार को सभी कर्मचारियों के डेटा जैसे एपीआर, छुट्टी, पदोन्नति, वेतन वृद्धि और वेतन रिकॉर्ड को ई-फॉर्म में रखने में मदद करेगी।

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