एवरेस्टर संगीता ने हार नहीं मानी, देनाली चोटी फतह करने का संकल्प लेकर लौटीं
जागरण संवाददाता जम्मू विश्व की सबसे उम्रदराज महिला एवरेस्टर जम्मू की बेटी संगीता बहल भले ही उत्तर अमेरिका की सबसे ऊंची देनाली चोटी को फतह करने में असफल रही लेकिन वह इससे घबराई नहीं बल्कि एक संकल्प लेकर लौट रही हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : विश्व की सबसे उम्रदराज महिला एवरेस्टर जम्मू की बेटी संगीता बहल भले ही उत्तर अमेरिका की सबसे ऊंची देनाली चोटी को फतह करने में असफल रही, लेकिन वह इससे घबराई नहीं बल्कि एक संकल्प लेकर लौट रही हैं। संगीता ने अगले वर्ष फिर इस चोटी पर चढ़ाई कर अपने अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया है। उत्तर अमेरिका महाद्वीप में 6190 मीटर ऊंची चोटी देनाली का पुराना नाम माउंट मैकिनली है। सात महाद्वीपों की सात सबसे ऊंची चोटियों को नौ भारतीय पर्वतारोही फतह कर चुके हैं। इनमें माली मस्तान बाबू, प्रेमलता अग्रवाल, ताशी मलिक, नुनगशी मलिक, सेवानिवृत्त कमांडर सत्यब्रत धाम, सत्यरूप सिद्धांत, संगीता बहल के पति अंकुर बहल, ग्रुप कैप्टन आरसी त्रिपाठी और जम्मू-कश्मीर के एवरेस्टर कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल हैं।
संगीता बहल 10 मई को देनाली चोटी अभियान पर रवाना हुई थी। अलास्का के तालकीतना में पहुंचने के उपरांत उन्होंने बताया कि देनाली चोटी फतह करने की उनकी तीसरी कोशिश थी। काहिलतना ग्लेशियर से वह इस अभियान में शामिल अन्य पर्वतारोहियों के साथ 21 दिन का भोजन और 60 किलोग्राम अन्य सामान से लदे बैग को लेकर रवाना हुई। हर रोज सात से आठ किलोमीटर की चढ़ाई करते रहे। इस दौरान मौसम ने भी उनका साथ दिया, लेकिन जब वह 19,200 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे तो तेज और बर्फीली हवाओं ने उनकी राह मुश्किल कर दी। संगीता कहती हैं कि बर्फीली हवाओं के कारण चार मीटर से आगे भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। शरीर ठंड से जगे। जब शरीर के कुछ अंगों में फ्रॉस्टबाइट की शुरू हुई तो मुझे याद आया कि मेरी मां और बेटे ने अभियान के दौरान अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की नसीहत दी थी। इस दौरान अन्य दो साथियों को फ्रॉस्टबाइट के बाद जब एयरलिफ्ट किया गया तो दल में शामिल चार अन्य भारतीय एवरेस्टर और दो अमेरिकी सदस्यों ने लौटना ही बेहतर समझा।
संगीता ने बताया कि एवरेस्ट के परस्पर देनाली चोटी का ट्रैक जोखिम भरा है। अभियान पर जाने वाले 50 प्रतिशत पर्वतारोहियों को ही सफलता मिलती है। उन्होंने बताया कि वह सात जून को दिल्ली लौटेंगी और कुछ माह आराम कर फिर से इस अभियान में जाने के लिए जुट जाएंगी।
गौरतलब है कि संगीता ने देनाली चोटी अभियान पर रवाना होने से पहले लेह और अमेरिका में जाकर पर्वतारोहण की ट्रेनिग के अलावा कैंप बनाने और नेविगेट सहित अन्य प्रशिक्षण हासिल किया था।
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