डीजीपी दिलबाग सिंह भी कश्मीर में अतिवादियों के लिए सुधार केंद्र बनाने के पक्ष में

आतंकी हिंसा पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में पकड़े गए युवकों का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन लड़कों की बातें सुनकर कई बार अफसोस होता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 11:22 AM (IST)
डीजीपी दिलबाग सिंह भी कश्मीर में अतिवादियों के लिए सुधार केंद्र बनाने के पक्ष में
डीजीपी दिलबाग सिंह भी कश्मीर में अतिवादियों के लिए सुधार केंद्र बनाने के पक्ष में

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत के बयान का डीजीपी दिलबाग सिंह ने समर्थन किया है। इसमें उन्होंने कहा था कि किशोरों और युवाओं के लिए अतिवादियों के लिए सुधार केंद्र (डि-रेडिकलाइजेशन सेंटर) बनाना कोई बुरी बात नहीं है। इससे आम कश्मीरियों को ही फायदा होगा। यह जरूर होने चाहिए।

सीडीएस जनरल रावत ने गत दिनों एक साक्षात्कार में जम्मू-कश्मीर में अमन बहाल हो इसके लिए अतिवादियों के लिए सुधार केंद्र बनाने का सुझाव दिया था। इस पर सोमवार को पुलिस नियंत्रण कक्ष में पत्रकारों के सवाल पर दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान और उसके इशारे पर काम करने वाली एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में धार्मिक उन्माद पैदा करने और स्थानीय युवाओं में धर्माध जिहादी मानसिकता पैदा करने के लिए लगातार सक्रिय हैं। इससे कई युवाओं पर बुरा असर हुआ है और वह गुमराह होकर गलत रास्ते पर चल निकले हैं। अगर जम्मू-कश्मीर में ऐसा कोई सुधार गृह बनाया जाता है, तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। बीते कुछ समय के दौरान आतंकी हिंसा, पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में पकड़े गए युवकों का जिक्र करते हुए डीजीपी ने कहा कि इन लड़कों की बातें सुनकर कई बार अफसोस होता है।

वह कई बार तर्कहीन और मूर्खतपूर्ण बातें कर अपने आचरण को सही ठहराने का प्रयास करते हैं। इसलिए अगर मजहबी मामलों में महारत रखने वाले, संबंधित विषयों के विशेषज्ञ और मनोचिकित्सकों के साथ ऐसी कोई सुविधा यहां उपलब्ध कराई जाती है तो उसका कश्मीरी नौजवानों को पूरा लाभ होगा।

दक्षिण कश्मीर में हिजबुल खात्मे की ओर

राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सोमवार को दावा किया कि दक्षिण कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन अब खात्मे की तरफ है। इस इलाके में सक्रिय हिजबुल के लगभग सभी प्रमुख आतंकी मारे जा चुके हैं। जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों में हिजबुल ही स्थानीय आतंकियों का सबसे बड़ा संगठन है। दक्षिण कश्मीर में ही इस संगठन के सबसे ज्यादा आतंकी हैं। दिलबाग सिंह ने सोमवार को वाची-शोपियां में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह साल अब तक बहुत अच्छा रहा है। हमारे लगभग सभी आतंकरोधी अभियान सफल रहे हैं।

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