Amarnath Yatra 2020: सरकार अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार, हाईकोर्ट आज लेगा फैसला

सरकार अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार हाईकोर्ट आज लेगा फैसला प्रदेश सरकार ने अदालत में यात्रा की तैयारियों पर अपना पक्ष रखा

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 08:22 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 10:55 AM (IST)
Amarnath Yatra 2020: सरकार अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार, हाईकोर्ट आज लेगा फैसला
Amarnath Yatra 2020: सरकार अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार, हाईकोर्ट आज लेगा फैसला

जम्मू, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि उसने श्री बाबा अमरनाथ जी की यात्रा की सभी प्रबंध पूरे कर लिए हैं। वह अमरनाथ यात्रा कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। भले ही यात्रा सीमित दिनों के लिए ही हो, लेकिन वह परंपरा को बनाए रखना चाहती है। हिंदुओं में इस यात्रा के लिए विशेष आस्था है। हालांकि, हाईकोर्ट यात्रा के बारे में मंगलवार को फैसला लेगा। सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई है।

कोरोना वायरस से उपजे हालात के चलते एडवोकेट सचिन शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने सरकार से पूछा था कि कोरोना संक्रमण के बीच यात्रा को लेकर क्या प्रबंध किए गए हैं? इस पर सोमवार को हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस संजय धर की खंडपीठ में सुनवाई की। इसमें सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल असीम साहनी ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि अमरनाथ यात्रा को लेकर सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।

यात्रा को लेकर प्रथम पूजन हो चुका है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ और एडिशनल सीईओ पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। बेशक यात्रा की अवधि सीमित होगी, लेकिन भगवान शंकर की पूजा के लिए सभी अनुष्ठान पारंपरिक तरीके से निभाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों की कोई कमी नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों में आपसी समन्वय बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि भले ही यात्रा को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाए, लेकिन यात्रा की परंपरा कायम रहेगी। चाहे यात्रा सीमित अवधि की ही क्यों न हों। एडवोकेट जनरल डीसी रैना ने भी तर्क दिया कि यह यात्रा ¨हदुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ी है। इस परंपरा को कायम रखा जाएगा। सभी तर्को को सुनने के बाद कोर्ट ने मंगलवार तक अपना फैसला सुरक्षित रखा। सरकार के पक्ष से पहले सुनवाई के दौरान एमिस क्यूरी मोनिका कोहली ने यात्रा की महत्ता के बारे में कोर्ट को जानकारी दी। उन्होंने मोनिका ने बताया कि अमरनाथ यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन के लिए आते हैं। मौजूदा परिस्थितियों में इतनी संख्या में श्रद्धालु कैसे पहुंच पाएंगे। यात्रा मार्ग पर न तो कोई लंगर का प्रबंध है और न ही डॉक्टरों का।

याचिकाकर्ता सचिन ने कहा कि यात्रा मार्ग पर संसाधन नहीं हैं। डॉक्टर मौजूदा परिस्थितियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। लंगर वालों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कोई अस्पताल पर्वतीय क्षेत्र में स्थापित नहीं किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

4जी इंटरनेट सेवा पर गृह सचिव को किया तलब

प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल न होने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई। वीडियो कांफ्रें¨सग के दौरान आवाज में खलल पैदा होने पर कोर्ट ने असीम साहनी को निर्देश दिए कि जम्मू कश्मीर गृह विभाग के सचिव शालीन काबरा को कांफ्रें¨सग के जरिये एक सप्ताह के अंदर कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 4जी सेवा पर अभी तक कोई निर्णय क्यों नहीं हो पाया है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को टूजी की समीक्षा करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि पहले 4जी के बारे में सरकार अपना पक्ष रखे क्योंकि इससे अदालत के कामकाज में बाधा आ रही है। बच्चों की पढ़ाई और अन्य महत्वपूर्ण बैठकों पर भी असर हो रहा होगा।

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