अफगानी और चीनी शासक भी मानते थे महाराजा गुलाब सिंह की बहादुरी का लोहा

जागरण संवाददाता जम्मू अमर क्षत्रिय राजपूत सभा धर्मार्थ ट्रस्ट्र डोगरा सदर सभा और कई दूसरे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 08:31 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 08:31 AM (IST)
अफगानी और चीनी शासक भी मानते थे महाराजा गुलाब सिंह की बहादुरी का लोहा
अफगानी और चीनी शासक भी मानते थे महाराजा गुलाब सिंह की बहादुरी का लोहा

जागरण संवाददाता, जम्मू : अमर क्षत्रिय राजपूत सभा, धर्मार्थ ट्रस्ट्र, डोगरा सदर सभा और कई दूसरे संगठनों ने डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह की 228वीं जयंती मनाई। धर्मार्थ ट्रस्ट की ओर से मुबारक सिंह की अध्यक्षता में सचिव डॉ. गोपाल पार्थसारथी शर्मा की देखरेख में श्री रघुनाथ मंदिर में हवन-यज्ञ का आयोजन कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ट्रस्ट अध्यक्ष मुबारक सिंह ने महाराजा के शासन को जम्मू-कश्मीर राज्य का गौरवशाली काल बताया। उन्होंने कहा कि महाराजा गुलाब सिंह ने जम्मू-कश्मीर की सीमाओं का विस्तार किया। उनकी बहादुरी का लोहा अफगानी और चीनी शासकों ने भी माना। जम्मू-कश्मीर के लोगों को उन पर गर्व है। वहीं, अमर क्षत्रीय राजपूत सभा की तरफ से सभा भवन पुरानी मंडी में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में महाराजा गुलाब सिंह जी अमर रहें के नारे लगाए गए। बिरादरी के सदस्यों ने सरकार से कुंजवानी चौक पर महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा लगाने की मांग की। सभा के अध्यक्ष नारायण सिंह ने महाराजा गुलाब सिंह की जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर एमएम जम्वाल, जीएस जम्वाल, एसएस हरिहर, बीएस जम्वाल, बिशन सिंह जम्वाल, आरएस जसरोटिया, शेखर सलाथिया, युवा विग के सुखदेव सलाथिया, अंचल सिंह, बलदेव सिंह बंद्राल आदि शामिल थे। डोगरा सदर सभा ने पूर्व मंत्री गुलचैन सिंह चाढ़क की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया। महाराजा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।

chat bot
आपका साथी