कश्मीर का दर्द जानने को नेता सक्रिय

By Edited By: Publish:Sun, 28 Sep 2014 05:26 AM (IST) Updated:Sun, 28 Sep 2014 02:05 AM (IST)
कश्मीर का दर्द जानने को नेता सक्रिय

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कश्मीर में बाढ़ से हुई तबाही के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात के बीच अब सत्ताधारी व विपक्षी पार्टियां सक्रिय होकर लोगों का दुख-दर्द बांटने पहुंच रही है। यह बात हर पार्टी को पता है कि राज्य में थोड़े समय के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है। ऐसे में अगर वे इस समय लोगों तक नहीं पहुंचे तो बाद में लोग उनकी नहीं सुनेंगे। बाढ़ के दौरान जब राहत व बचाव कार्य चल रहे थे तो उस समय लोगों को विधायक या मंत्री नजर नहीं आए। केंद्र सरकार की तरफ से सेना, सुरक्षा बल व एनडीआरएफ के जवान बचाव कार्य चला रहे थे। इस बीच कई नेता व विधायक बाढ़ में फंसे थे। अलबत्ता मुख्यमंत्री ने सक्रिय होकर अपनी भूमिका निभाई।

हालात खराब होने के कारण अभी तक चुनाव की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चुनाव के लिए हर पार्टी तैयार है। सत्ताधारी पार्टी नेकां कांग्रेस हो या विपक्षी पीडीपी या अन्य सभी पार्टियों के नेताओं ने सक्रिय होकर अपने अपने विस क्षेत्रों का रुख किया है। अब मंत्रियों व विधायकों की कोशिश है कि लोगों तक राहत सामग्री पहुंचे, मुआवजा मिले अन्यथा चुनाव में उन्हें लोगों के विरोध का सामना जरूर करना पड़ेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एंव पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने पिछले एक सप्ताह से श्रीनगर में डेरा डाला हुआ है। उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव अंबिका सोनी के साथ कई बाढ़ गस्त इलाकों का दौरा किया और लोगों की बात सुनी और सरकार तक पहुंचाया। यूथ कांग्रेस ने श्रीनगर में कैंप लगाया हुआ है। नेकां के सभी वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के मंत्री व पीडीपी के नेता भी विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

भाजपा व पैंथर्स पार्टी के नेताओं ने जम्मू डिवीजन के विभिन्न इलाकों का दौरा कर राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी रखा है। मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन व विभाग चुस्ती के साथ काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने अपनी तरह से फौरन कार्रवाई करके लोगों को यह समझाने की कोशिश की है कि वे दुख की इस घड़ी में उनके साथ है।

काबिले गौर है कि कश्मीर के कई इलाकों में जब बाढ़ समाप्त होने के बाद नेता पहुंचे थे तो लोगों ने विरोध भी किया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रधान प्रो. सैफउद्दीन सोज को लोगों की खरी खरी सुननी पड़ी थी।

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