ध्यानचंद को भारत रत्न की मुहिम तेज, खेल मंत्रालय का पीएमओ को पत्र

ध्यानचंद का जन्मदिन (29 अगस्त) राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

By Bharat SinghEdited By: Publish:Thu, 08 Jun 2017 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 08 Jun 2017 12:58 PM (IST)
ध्यानचंद को भारत रत्न की मुहिम तेज, खेल मंत्रालय का पीएमओ को पत्र
ध्यानचंद को भारत रत्न की मुहिम तेज, खेल मंत्रालय का पीएमओ को पत्र

नई दिल्ली, पीटीआइ। खेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है। ध्यानचंद को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिलाने की मंत्रालय की यह नई कोशिश है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है। 

वैसे यह पहली बार नहीं है जब खेल मंत्रालय ने ध्यानचंद के लिए भारत रत्न की मांग की है। जिन्होंने भारत को तीन ओलंपिक (1928, 1932 और 1936) में स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की। 2013 में यूपीए सरकार ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बजाय इस महान हॉकी खिलाड़ी को सम्मान के लिए चुना था। हालांकि उसी साल तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ ही घंटों बाद घोषणा की गई कि यह क्रिकेटर इस पुरस्कार को पाने वाला पहला खिलाड़ी होगा। 

यह पूछने पर कि क्या ध्यानचंद को तेंदुलकर से पहले भारत रत्न मिलना चाहिए था, गोयल ने कहा, 'मैं इस मामले में नहीं पड़ना चाहता और इस तरह के महान खिलाड़ियों के बारे में टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। आप किसी पुरस्कार से ध्यानचंद की उपलब्धियों को नहीं आंक सकते। वह इससे कहीं बढ़कर हैं।' 

खेल मंत्री ने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा, इस मुद्दे पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री करेंगे। वह चाहते हैं कि भारत खेल ताकत के रूप में उभरे और यही कारण है कि वह खेलों पर काफी जोर दे रहे हैं।'

मंत्रालय ने इसी हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री को इस संदर्भ में लिखने का फैसला किया था। ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार और अन्य पूर्व खिलाड़ी लंबे समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। पिछले साल पूर्व भारतीय कप्तानों अशोक कुमार, अजित पाल सिंह, जफर इकबाल और दिलीप टिर्की उन 100 पूर्व खिलाड़ियों में शामिल थे, जो ध्यानचंद की लगातार अनदेखी करने पर धरने पर बैठे थे। इससे पहले 2011 में भी सरकार ने संसद के 82 सदस्यों का आग्रह स्वीकार नहीं किया था, जिन्होंने इस सम्मान के लिए ध्यानचंद का समर्थन किया था। ध्यानचंद का जन्मदिन (29 अगस्त) राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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