1964 ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता हाकी कप्तान चरणजीत का 93 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

वर्ष 1964 के टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम ने चरणजीत सिंह की कप्तानी में पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था। इस जीत के बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। पंजाब पुलिस में एएसआइ के रूप में सेवाएं दीं।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 08:34 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 08:34 PM (IST)
1964 ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता हाकी कप्तान चरणजीत का 93 वर्ष की उम्र में हुआ निधन
पूर्व भारतीय हाकी खिलाड़ी चरणजीत सिंह (एपी फोटो)

जागरण संवाददाता, ऊना। देश को 1964 ओलिंपिक में हाकी में स्वर्ण पदक दिलाने वाली टीम के कप्तान रहे अर्जुन अवार्डी व पद्मश्री चरणजीत सिंह का यहां 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार सुबह करीब पांच बजे अंतिम सांस ली। चरणजीत पिछले कुछ वर्षो से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार शाम साढ़े पांच बजे पूरे सम्मान के साथ ऊना में किया गया। उनके पार्थिव शरीर को उनके पुत्र बीपिन सिंह ने मुखाग्नि दी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर समेत प्रदेश के कई नेताओं और खिलाड़ियों ने उनके निधन पर शोक जताते हुए इसे अपूर्णीय क्षति बताया।

वर्ष 1964 के टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम ने चरणजीत सिंह की कप्तानी में पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया था। इस जीत के बाद उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। चरणजीत सिंह ने लायलपुर कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी करते हुए वर्ष 1949 में पहली बार यूनिवर्सिटी की तरफ से हाकी खेली तथा 1958 से 1965 तक लगातार देश का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1960 व 1964 में ओलिंपिक तथा एक एशियाई स्पर्धा में भाग लिया। सेंटर हाफ चरणजीत सिंह 60 के दौर में धुरंधर हाकी खिलाड़ियों में गिने जाते थे। उनके नेतृत्व में भारत ने 1963 में फ्रांस में यूरोपियन प्रेस ज्यूरी के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हाकी प्रतियोगिता में अभूतपूर्व जीत दर्ज की थी।

ऊना जिले अम्ब उपमंडल के मैड़ी निवासी चरणजीत सिंह ने पंजाब पुलिस में एएसआइ के रूप में सेवाएं दीं और 14 साल नौकरी के बाद डीएसपी पद से सेवानिवृत्ति ली। उसके बाद लुधियाना कृषि विवि में उपनिदेशक स्टूडेंट वेलफेयर व हिसार कृषि विवि में सात साल तक काम किया। वर्ष 1972 में हिमाचल प्रदेश में नौकरी की शुरुआत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में निदेशक शारीरिक शिक्षा व युवा कार्यक्रम के रूप में की।

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